Somvar vrat: भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इस तरह से कीजिए पूजा, भूलकर भी ना करें ये काम, जानिए शुभ मुहूर्त, विधि और कथा…
Somvar vrat: भगवान शिव की आराधना के लिए भक्त सोमवार के दिन का सप्ताह भर इंतजार करते हैं. आज सोमवार का दिन है, ऐसे में यदि आप भी भगवान शिव के भक्त है और उनकी कृपा पाना चाहते हैं.
तो आज के दिन आपको सोमवार का व्रत धारण करने से पहले व्रत का शुभ मुहूर्त, विधि और कथा अवश्य जान लेनी चाहिए, ताकि आप विधि विधान से भगवान शिव की पूजा कर सकें और लाभ पा सकें.
सोमवार के दिन क्या करें और क्या नहीं?
- आज के दिन यदि आप सोना चांदी में निवेश करते हैं, तो आपको लाभ होता है.
- आज के दिन घर से जुड़े निर्माण का कार्य कराना भी शुभ माना जाता है.
- आज के दिन दूध या घी की बिक्री या खरीदना अच्छा माना जाता है.
- सोमवार के दिन भस्म का तिलक लगाने से बुरे साए से भगवान शिव आपकी रक्षा करते हैं.
- आज के दिन भगवान शिव की मूर्ति के आगे दीपक जलाने से लाभ होता है.
- आज के दिन भगवान शिव की पूजा करते समय काले कपड़े ना पहनें.
- भगवान शिव की पूजा के दौरान तुलसी और नारियल का पानी कभी नहीं चढ़ाना चाहिए.
- आज के दिन दोपहर में सोने से धन हानि होती है.
- आज के दिन किसी को दूध का दान नहीं करना चाहिए.
- आज के दिन व्यक्ति को किसी को अपशब्द नहीं कहने चाहिए और ना ही मांस मदिरा का सेवन करना चाहिए.
सोमवार का मंत्र
ॐ सोमेश्वराय नम:।।
ॐ नमः शिवाय।।
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सोमवार व्रत विधि
सोमवार के दिन आप प्रति सोमवार व्रत, प्रदोष व्रत या सोलह सोमवार का व्रत रख सकते हैं, जिसकी पूजा विधि नीचे बताई गई है.
- प्रात:काल स्नान आदि से निवृत होकर भगवान शिव और पार्वती की मूर्ति को साफ करके पूजा स्थान पर स्थपित करें.
- आप सोमवार के दिन लाल, हरा, केसरिया, पीला, सफेद या आसमानी रंग के कपड़े पहन सकते हैं.
- भगवान शिव की पूजा की थाली तैयार करते समय उसमें बिल्व पत्र, अक्षत (चावल टूटा ना हो), चंदन, धतूरा, फूल, रोली, फूल आदि अवश्य रखें. लोटे में दूध मिला जल भी लेकर बैठें, हो सके तो रुद्राक्ष की माला भी साथ रखें.
- अगर आप अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि चाहते हैं, तो सोमवार को दूध मिश्रित जल को शिवलिंग पर नियमित रूप से चढ़ाएं, ऐसा करने से आप पर भगवान शिव की कृपा सदा बनी रहती है.
- भगवान शिव को आज के दिन घी, शक्कर और गेहूं के आटे से बने खाद्य पदार्थों का भोग लगाएं, इससे भोलेबाबा प्रसन्न होते हैं.
सोमवार के व्रत की कथा
एक बार एक साहूकार दंपति थे. जिनके कोई संतान नहीं थी. तब उन्होंने सोमवार को भगवान शिव की आराधना करने का प्राण लिया. वह हर सोमवार भगवान शिव के मंदिर जाते और शिवलिंग पर जल चढ़ाते थे.
कुछ दिन बाद साहूकार दंपति ने भगवान शिव से संतान की इच्छा जाहिर की. तब भगवान शिव और पार्वती ने उन्हें एक पुत्र दिया, लेकिन उस बच्चे की अल्पायु थी. जिस कारण साहूकार दंपति ने संतान पाने के बाद भी भगवान शिव की महिमा करना नहीं छोड़ा.
कुछ दिन बाद साहूकार ने अपने बेटे को शिक्षा प्राप्त करने के लिए काशी भेज दिया. जहां साहूकार का बेटा शिक्षा ग्रहण करने लगा. एक बार जब एक राजकुमारी का विवाह किसी काने राजकुमार से हो रहा था, तब साहूकार के बेटे को राजा ने अपने काने बेटे की जगह बैठा दिया, ताकि विवाह के बाद वह राजकुमारी को अपने बेटे के लिए ले जा सके.
लेकिन साहूकार के बेटे ने राजकुमारी को बता दिया कि उनका विवाह एक काने व्यक्ति साथ हुआ है. जिसके बाद राजकुमारी के पिता ने अपनी बेटी को काने राजकुमार के साथ नहीं भेजा.
उधर, 11 साल बीतने के बाद साहूकार के बेटे की मृत्यु हो गई, जिस पर उसके चाचा ने भगवान शिव और पार्वती की आराधना करके उसे जीवित करने का वरदान मांगा.
साहूकार दंपति ने भी सोमवार के दिन भगवान शिव के व्रत रखना शुरू कर दिए और उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भोलेबाबा ने उनके पुत्र को जीवन दान दे दिया.
कहते हैं तभी से भगवान शिव का व्रत सोमवार के दिन विधि विधान से सम्पूर्ण किया जाता है. इस दिन साधारण भोजन करना चाहिए और भगवान शिव को क्रोध आए, ऐसे कोई कार्य नहीं करने चाहिए.