Vishnu ji: भगवान विष्णु की पूजा में इस्तेमाल करें ये शंख, बिना मांगे ही खुशियों से भर जाएगी आपकी झोली
Vishnu ji: भगवान विष्णु जिन्हें जगत के पालनहार के तौर पर पूजा जाता है, गुरुवार के दिन विशेष तौर पर भगवान विष्णु की आराधना की जाती है. भगवान विष्णु जिन्हें त्रिदेवों में विशेष दर्जा दिया गया है, ऐसे में यदि आप भी भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा अर्चना करते हैं, तो आपको भी भगवान विष्णु की पूजा के दौरान कुछ एक नियमों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए. जिनका पालन करने मात्र से आपको जगत के पालनहार की विशेष कृपा प्राप्त होती है, इसके साथ ही आपके जीवन में भगवान विष्णु सदैव अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं, तो चलिए जानते हैं….
भगवान विष्णु की पूजा से जुड़े विशेष नियम
जैसा की आपको विदित है कि महादेव की पूजा करते समय आपको उनका जलाभिषेक शंख से नहीं करना चाहिए. इतना ही नहीं भगवान शिव की पूजा करते समय आपको शंखचूड़ नामक शंख का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए,
तो वही भगवान विष्णु की पूजा करते समय शंखचूड़ नामक शंख का इस्तेमाल करने से भगवान विष्णु आप पर अपना विशेष आशीर्वाद बनाए रखते हैं. कहा जाता है कि शंखचूड़ नाम का एक दानव भगवान विष्णु का परम भक्त था.
जिसने ब्रह्मा जी से कृष्ण कवच का वरदान प्राप्त किया था. जिस कारण उसने जल्द ही तीनों लोकों पर अपना स्वामित्व स्थापित कर लिया, हालांकि वह समस्त देवी देवताओं को परेशान भी किया करता था.
इस शंखचूड़ नाम के राक्षस ने तुलसी से विवाह किया था, माता तुलसी के पतिव्रता होने के चलते भी कोई इस राक्षस का बाल भी बांका नहीं कर सकता था. ऐसे में भगवान शिव ने भगवान विष्णु के मदद से शंखचूड़ राक्षस का वध कर दिया था,
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लेकिन इस राक्षस की हड्डियों से ही शंखचूड़ नामक शंख बना, लेकिन महादेव की पूजा के दौरान इस शंख का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, परंतु शंखचूड़ के भगवान विष्णु का भक्त होने के कारण अगर आप इस शंख से भगवान विष्णु पर जल अर्पण करते हैं, तो इससे भगवान विष्णु आपसे बेहद प्रसन्न होते हैं और आप पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं.