Vrindavan Mandir: भगवान श्री कृष्ण का यह मंदिर है बेहद चमत्कारी, जहां जाते ही पूरी होती हैं मनोकामना सारी
Vrindavan Mandir: भगवान श्री कृष्ण की नगरी वृंदावन अपने धार्मिक स्थलों के लिए जानी जाती है. कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण ने जन्म तो मथुरा में लिया था और उनका पालन पोषण गोकुल में हुआ, लेकिन कुछ समय बाद श्री कृष्ण वृंदावन आ गए,
तब से वृंदावन को श्रीकृष्ण की प्रमुख नगरी के तौर पर जाना जाता है. ऐसे में भी आप भी भगवान श्री कृष्ण के भक्त हैं और अक्सर मथुरा वृंदावन बांके बिहारी के दर्शन करने के लिए जाते हैं, तो आपको वृंदावन मंदिर से जुड़े कुछ एक रहस्य का ज्ञान अवश्य होना चाहिए. तो चलिए जानते हैं…
वृंदावन मंदिर से जुड़े रहस्यों के बारे में
मंदिर के रंग महल को लेकर ऐसा कहा जाता है कि रंग महल में रात के समय यदि कोई भी व्यक्ति रासलीला को देख लेता है, तो वह अगले दिन अपना मानसिक संतुलन खो बैठता है. यही कारण है कि इस रंग महल को रोजाना दिन के समय सजाया जाता है और पूजा व श्रृंगार इत्यादि का सामान रखकर इस मंदिर के कपाट शाम तक बंद कर दिए जाते हैं.
वृंदावन मंदिर में भगवान श्री कृष्ण का एक मंदिर ऐसा भी है, जोकि स्वयं ही खुलता है और स्वयं ही बंद हो जाता है.
वृंदावन धाम में मौजूद पेड़ों की शाखाएं अक्सर नीचे की ओर बढ़ती हैं, यानी कि यह अन्य पेड़ों की तरह ऊपर नहीं बल्कि जड़ों की ओर वृद्धि करती हैं, इतना ही नहीं वृंदावन धाम के निधिवन में पेड़ एक दूसरे से आपस में गुथे दिखाई पड़ते हैं, जो कि वृंदावन धाम के आश्चर्य में से एक है. निधिवन में भगवान श्री कृष्ण और राधा जी रासलीला करते हैं, जिस कारण शाम के 7 बजे ही निधिवन के दरवाजे बंद हो जाते हैं.
कहा जाता है कि वृंदावन धाम में हरिदास जी की गायन और भक्ति के चलते भगवान श्री कृष्ण जी यहां दर्शन देते हैं, ऐसा धार्मिक मान्यताओं के आधार पर कहा जाता है.
वृंदावन धाम के रहस्यों में से एक वृंदा तुलसी का रहस्य भी है. कहा जाता है कि जब रात के समय भगवान श्री कृष्ण और राधा जी रासलीला करते हैं, तब निधिवन में मौजूद तुलसी के पौधे गोपियां बनकर उनके साथ नृत्य करते हैं. इतना ही नहीं यदि कोई व्यक्ति निधिवन में मौजूद तुलसी की पत्तियों को तोड़कर अपने साथ ले जाता है, तो उसको भारी संकट झेलना पड़ता है.
वृंदावन धाम में भगवान श्री कृष्ण अक्सर सोने के लिए आते हैं, ऐसा इसलिए माना जाता है क्योंकि रोजाना मंदिर के पुजारी जब मंदिर में भगवान श्री कृष्ण का विस्तार लगाते हैं और भगवान श्री कृष्ण को माखन मिश्री का भोग लगाते हैं, तो सुबह होते ही वहां बिस्तर भी बिगड़ जाता है और माखन मिश्री का भोग भी गायब हो जाता है, जिस कारण ऐसी मान्यता है कि यहां भगवान श्रीकृष्ण रोज आते हैं.
वृंदावन धाम के आसपास रहने वाले लोग अपने घरों की खिड़कियों को नहीं खोलते हैं, ताकि उनकी नजर मंदिर की दिशा की ओर ना पड़े, अन्यथा ऐसा माना जाता है कि रात के समय वृंदावन मंदिर की तरफ देख लेने मात्र से व्यक्ति को जीवन भर अंधापन झेलना पड़ता है.
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वृंदावन धाम में हरिदास जी के गायन और भक्ति के वजह से भगवान श्री कृष्ण का दर्शन देते हैं, जिस कारण वृंदावन धाम भगवान श्री कृष्ण के प्रमुख तीर्थ में से एक माना गया है. जहां दर्शन मात्र से भगवान श्री कृष्ण अपने भक्तों के सारे दुख हर लेते हैं.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वृंदावन धाम में हरिदास जी के गायन और भक्ति के वजह से भगवान श्री कृष्ण का दर्शन देते हैं, जिस कारण वृंदावन धाम भगवान श्री कृष्ण के प्रमुख तीर्थ में से एक माना गया है. जहां दर्शन मात्र से भगवान श्री कृष्ण अपने भक्तों के सारे दुख हर लेते हैं.