साईं बाबा का व्रत ऱखते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
साईं बाबा का पूजन वैसे तो किसी भी दिन किया जा सकता है. लेकिन खासकर गुरुवार के दिन व्रत रखने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. कहा जाता है साईं जी शिरडी गांव में नीम के वृक्ष के नीचे बालक के रूप में प्रकट हुए थे. धरती उनकी माता व आकाश उनके पिता थे. संतो का कोई जाति, धर्म नहीं होता. दया शांति ही संतों का धर्म होता है. साईं बाबा दीन दयालु, प्यार के सागर, बनकर भक्तों के लिए संसार में प्रकट हुए. 'सबका मालिक' एक यही साईं बाबा का मंत्र है. जो व्यक्ति मन से साईं भक्ति करता है उसके सर्व विघ्न दूर होकर सब दुख दूर हो जाते हैं. साईं बाबा ने अपने जीवन में अनेक चमत्कार किए और आज भी यदि साईं बाबा की भक्ति सच्चे मन से विश्वासपूर्वक की जाए, तो भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. साईं बाबा साक्षात देव हैं यह व्रत श्रद्धा भाव और नियमों को ध्यान में रखकर 9 गुरुवार तक विधिपूर्वक किया जाए, तो निश्चित ही इच्छित फल की प्राप्ति होती है.
साईं बाबा के व्रत संबंधी नियम
-प्रेम पूर्वक और श्रद्धा भाव से यह व्रत करना चाहिए.
-व्रत करते वक्त लड़ाई-झगड़ा, चुगली, गृह क्लेश और किसी दूसरे की प्रति बैर नहीं रखना चाहिए.
-यह व्रत कोई भी स्त्री पुरुष और बच्चे भी कर सकते हैं.
-व्रत बहुत ही चमत्कारी और प्रभावी है.
-व्रत को शुरू करने से पहले 5, 7, 9, 11 या 21 गुरुवार की मन्नत रखनी चाहिए.
-किसी भी गुरुवार से साईं बाबा का व्रत शुरू किया जा सकता है.जिस कार्य की प्राप्ति हेतु कार्य व्रत किया हो, उसके लिए साईं जी को सच्चे मन से प्रार्थना करनी चाहिए.
-सुबह अथवा शाम को किसी आसन पर पीला कपड़ा बिछाकर उस पर साईं जी का चित्र या मूर्ति रखें.
-मूर्ति को स्वच्छ पानी से पोछ कर, चंदन या रोली का तिलक लगाना चाहिए.
-और उस पर पीले फूल या फूल माला चढ़ाएं.
-अगरबत्ती और दीपक जलाकर साईं बाबा का ध्यान करते हुए साईं व्रत की कथा पढ़े. कथा के बाद प्रसाद बांटना चाहिए.
-प्रसाद में कोई भी फल या मिठाई बांटी जा सकती है.
-व्रत में फलाहार दूध जायफल मिठाई आदि का सेवन कर सकते हैं.
-ध्यान रखिए कि इस व्रत में बिल्कुल भूखे रहकर उपवास नहीं करें. एक समय भोजन भी ग्रहण कर सकते हैं.
-गुरुवार के दिन यदि यात्रा या किसी काम से बाहर जाना पड़ जाए, तो व्रत नहीं करना चाहिए.
-स्त्रियां मासिक धर्म के समय यह व्रत बिल्कुल ना करें. फिर अगले गुरुवार के व्रत शुरु किया जा सकता है.
-मन्नत मांगे गए गुरुवार पूरे होने मंदिर में जाकर साईं बाबा के दर्शन करें और उद्यापन करवाए.
-उद्यापन में 5 या इससे ज्यादा गरीबों को भोजन करवा सकते हैं.
-उद्यापन विधि संपूर्ण होने के बाद साईं व्रत की किताबें 9, 11, 21 अपनी इच्छा अनुसार लोगों को दान करें.
-पशु-पक्षियों को भोजन डालना चाहिए.
-इस व्रत को करने से सुख-शांति, समृद्धि आदि में वृद्धि होती है.
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