राजकुमारियों के साथ दी जाने वाली दासियों से क्या-क्या करवाए जाते थे ?

यूं तो राजतंत्र खत्म हुए हजारों साल हो गए। लेकिन आज कहानी राजतंत्र के उसी एक तथ्यों की बताते हैं जहां राजा और महाराजा को रानियों के साथ-साथ दासी भी मिला करती थी।
उस वक्त भारत या विश्व के राजा महाराजा के पास दास- दासियों की बड़ी संख्या होती थी। जो उन्हें उपहार के रूप में मिलता था। ये दासियां भी अपनी रानी और राजकुमारी की तरह अत्यंत सुशिक्षित, युद्ध कला में निपुण,सुन्दर होती थीं।
शादी के अलावा जब एक राजा दूसरे राजा को हरा देता था तब उस राजा के संपत्ति के अलावा वहां की रानियां और राजकुमारियां भी दूसरे राजा की हो जाती थी। महारानी और राजकुमारियों को राजा-महाराजाओं की सेवा में लगा दिया जाता था बांकी शेष को घुड़सवारों, पैदल सेना में बाँट दिया जाता था।
दोषियों को राजकुमारी के सेवा के लिए भी रखा जाता था। जो ना सिर्फ बाहड़ी दुश्मन बल्कि अपने आंतरिक दुश्मन से भी राजकुमारी और महारानी को बचाती थी। इन दासियों को आजीवन अविवाहित रहना होता था और अपनी राजकमारी- महारानी और उनके पुत्रों के जीवन की रक्षा करना होता था।