देवों के देव महादेव का जन्म कब हुआ था

 
देवों के देव महादेव का जन्म कब हुआ था

देवों के देव महादेव को अजन्मा और अविनाशी कहा गया है. भगवान शिव हिंदुओं के सबसे पुराने देव माने जाते हैं. शास्त्रों में भगवान शिव के जन्म से संबंधित कहानी का वर्णन मिलता है. वैसे तो भगवान शिव के जन्म से जुड़ी अनेक कथाएं प्रचलित हैं. आइए जानते हैं भगवान शिव का जन्म कैसे, कहां और कब हुआ.

देवों के देव महादेव कैसे और कहां हुआ

आइए जानते हैं भगवान शिव का जन्म कैसे हुआ. शिव पुराण के अनुसार भगवान सदाशिव और पराशक्ति अंबिका से ही भगवान शंकर की उत्पत्ति मानी जाती है. पराशक्ति अंबिका को त्रिदेव जननी भी कहा जाता है. सदाशिव द्वारा प्रगट शक्तियों की आठ भुजाएं होती है. जब ब्रह्मा, विष्णु, महेश प्रकट हो गये. तब एक बार की बात है कि ब्रह्मा विष्णु दोनों में बहस छिड़ गई की सबसे अधिक श्रेष्ठ कौन है. तभी महादेव ने कालरूपी स्तंभ खड़ा किया और ब्रह्मा विष्णु से उसका ओर-छोर ढूंढने को बोला. तो ब्रह्मा जी पक्षी का रूप धारण कर खंबे के ऊपरी हिस्से की खोज करने लगे और विष्णु जी वराह रूप धारण कर नीचे की ओर खोजने लगे. दोनों के द्वारा प्रयास करने पर वह असफल रहे.
उसके बाद दोनो देव ब्रह्मा और विष्णु ने हार मान ली, तभी भगवान शिव जो कि रहस्यमयी खंबे के रूप में प्रकट थे. वे अपने वास्तविक रूप में प्रकट हो गए. इसीलिए भगवान शिव की पूजा शिवलिंग के रूप में की जाने लगी और भगवान शिव को स्वयंभू कहा जाने लगा.
ब्रह्मा सदाशिव के द्वारा शिवलोक निर्माण किया गया. इसे भगवान शिव का जन्म स्थान माना जाता है. इस उत्तम क्षेत्र को काशी भी कहते हैं. यह मोक्ष प्राप्ति के लिए उत्तम स्थान माना जाता है. यहीं पर शंकर को जगतजननी मां ने जन्म दिया था.

WhatsApp Group Join Now

जरूर पढ़े:-

होली का त्योहार अन्य देशों में किस प्रकार मनाया जाता है?

Tags

Share this story