भगवान विष्णु का सबसे बड़ा मंदिर कहां स्थित है?
भारत देश दुनियाभर में अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत के लिए विख्यात है. लेकिन एक बात यह भी है, जो शायद ही लोग जानते होंगे कि विश्व का सबसे बड़ा मंदिर भारत में मौजूद नहीं है. विश्व का सबसे बड़ा मंदिर अंकोरवाट, जो कंबोडिया में स्थित है. यह दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू धार्मिक स्मारक है. जिसे भगवान विष्णु का सबसे बड़ा मंदिर कहा जाता है. इसका पूरा नाम यशोधरपुर था. इस मंदिर का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है. यह मंदिर फ्रांस से आजादी मिलने के बाद कंबोडिया की पहचान बना.
भगवान विष्णु का अंकोरवाट मंदिर
यह मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा और पुरातत्व पूजा स्थल है. इसके निर्माण का कार्य 11वीं शताब्दी में सूर्यवर्मन द्वितीय के द्वारा किया गया था. लेकिन यह कहा जाता है कि सूर्यवर्मन ने इसके निर्माण का कार्य प्रारंभ किया था, लेकिन इसे वह पूर्ण नहीं कर पाए. मंदिर का कार्य उनके भांजे एवं उत्तराधिकारी धरणींद्र बर्मन के शासनकाल में संपूर्ण हुआ था. बताया जाता है इसे बनाने के लिए 50 से 1 करोड़ रेत के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था.
प्रत्येक पत्थर का वजन डेंढ टन था. यह मिश्र एवं मेक्सिको के पिरामिडों की तरह एक सीढ़ी पर उठता गया. इसका मूल शिखर लगभग 64 मीटर ऊंचा है. इसके अतिरिक्त अन्य आठों शिखर 54 मीटर ऊंचे हैं. मंदिर साढे 3 किलोमीटर लंबी पत्थर की दीवार से घिरा हुआ है. उसके बाद 30 मीटर खुली भूमि और बाहर की तरफ 190 मीटर चौड़ी खाई है. यह चोल वंश के मंदिरों से मिलता-जुलता मंदिर माना जाता है. इस मंदिर को देखने और विष्णु भगवान के दर्शन के लिए भारत समेत कई देशों के लाखों भक्त वहां पहुंचते हैं.
1992 में यूनेस्को ने इस मंदिर को विश्व विरासत शामिल कर लिया. मंदिर की दीवारों पर रामायण और महाभारत की कहानियां अंकित है. और साथ ही देवताओं और असुरों के अमृत मंथन का वर्णन किया गया है. मंदिर के गलियारों में तत्कालीन सम्राट बलि - वामन, स्वर्ग - नरक, समुद्र मंथन, देव - दानव युद्ध, महाभारत, हरिवंश पुराण तथा रामायण के शिला चित्र देखने को मिलते हैं. एक और शिला चित्र में राम धनुष बाण लिए स्वर्ण मृग के पीछे दौड़ते हुए दिखाई पड़ते हैं. परिवर्तित शिला चित्रों में अशोक वाटिका, राम रावण युद्ध, सीता की अग्निपरीक्षा, राम की अयोध्या वापसी के दृश्य हैं.
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