नागपंचमी क्यों मनाई जाती है, 2021 में कब है….
नागपंचमी श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है. नागपंचमी के दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है. हिन्दू धर्म में इसका विशेष महत्व हैं. इस साल 25 जुलाई को नागपंचमी के त्यौहार मनाया जाएगा.
नागपंचमी का हिन्दू धर्म में महत्व
नागपंचमी के दिन उत्तरा फाल्गुनी और हस्त नक्षत्र होने से चंद्रमा की स्थिति कन्या राशिगत है. इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है. इस दिन नाग देवता को दूध अर्पण किया जाता है. इस दिन नाग देवता को दूध पिलाने की बहुत पुरानी परंपरा है. सर्प भगवान शिव के सबसे प्रिय जीवों में से एक माने जाते है. इनको प्रसन्न करना भगवान शिव को प्रसन्न करने के समान है. परंपरा के अनुसार इस दिन 12 नागों की पूजा की जाती है. जिनमें अनन्त, वासुकि, शेष, पद्म, कम्बल, कर्कोटक, अश्वतर, धृतराष्ट्र, शङ्खपाल, कालिया, तक्षक, पिङ्गल आदि शामिल है.
नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा कर उनको प्रसन्न किया जाता है. और इन मंत्रों का उच्चारण कर भगवान नाग देवता को याद किया जाता है. और उनकी पूजा अर्चना की जाती है.
सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले।
ये च हेलिमरीचिस्था येऽन्तरे दिवि संस्थिताः॥
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिनः।
ये च वापीतडगेषु तेषु सर्वेषु वै नमः॥
इसका अर्थ है इस संसार में, आकाश, स्वर्ग, झीलें, कुएँ, तालाब तथा सूर्य-किरणों में निवास करने वाले सर्प, हमें आशीर्वाद दें तथा हम सभी आपको बारम्बार नमन करते हैं.
खास महत्वता
नागपंचमी के दिन उपवास रखने की परम्परा भी है. चतुर्थी को एक समय भोजन कर पंचमी तिथि को उपवास रखा जाता है. और पूजा में यह खास सामग्री शामिल की जाती है. पुष्प, धूप, कच्चा दूध, खीर, भीगा हुआ बाजरा और घी आदि. इस दिन दान दक्षिणा देने की प्रथा भी है. नागपंचमी के दिन सपेरों से किसी नाग को खरीदकर उन्हें मुक्त भी कराया जाता है. इस दिन जीवित सांप को दूध पिलाकर भी नागदेवता को प्रसन्न किया जाता है.
इस बार नागपंचमी 25 जुलाई 2021 को मनाई जाएगी. नागपंचमी के पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 05:39 बजे से सुबह के ही 08:22 बजे तक है.
आप सभी से निवेदन है कि नाग पंचमी पर व्रत अवश्य रखें. और नागों व उनके देवता महादेव जी की पूजा अर्चना करें.
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