खरमास के दिन क्यों खराब माने जाते हैं?

 
खरमास के दिन क्यों खराब माने जाते हैं?

खरमास के शुभ नहीं माने जाते और हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को करने से पहले शुभ तिथि जानना अति आवश्यक होता है. क्योंकि हिंदू पंचांग के अनुसार माह के कुछ दिन ऐसे होते हैं जिनमें कोई भी शुभ कार्य करना अच्छा नहीं माना जाता है. जैसे मलमास और खरमास ऐसे माह हैं जिनमें शुभ कार्य करना वर्जित हैं. और दान पुण्य करने से परेशानियों से छुटकारा मिलता है. आइए आज हम खरमास को लेकर चर्चा करते हैं.

खरमास

खरमास के दिन तब आते है जब नवग्रहों के राजा भगवान सूर्य देव गुरु बृहस्पति देव की राशि धनु व मीन में प्रवेश करते हैं. खरमास के समय कोई भी मांगलिक कार्य पूर्ण नहीं कर सकते हैं. वर्ष 2021 में खरमास के दिन 14 मार्च, दिन रविवार से शुरू हो रहे हैं. और यह एक माह यानी 14 अप्रैल, दिन बुधवार तक रहेंगे. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस माह में पूजा-पाठ व दान पुण्य जैसे काम करने से सारी दिक्कतों से मुक्ति मिलती है और जीवन सरल, सुखी व समृद्धि से परिपूर्ण हो जाता है.

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पौराणिक कथा

खरमास के दिन क्यों आते हैं. आइए जानते हैं इसके पीछे की कहानी क्या है. कथा अनुसार भगवान सूर्य देव लगातार सात घोड़ों की सवारी पर ब्रह्मांड के चक्कर लगाते रहते हैं. यह मान्यता है कि यदि भगवान सूर्य रुक गए तो, जनजीवन भी ठहर जाएगा. रथ में लगे विचारे घोड़े लगातार चलने और विश्राम ना मिलने के कारण भूखे, प्यासे थक जाते हैं. एक दिन भगवान सूर्य नें उनकी दयनीय दशा देखी तो उनको एक तालाब के किनारे ले गए. वहां दो खर यानी गधे घूम रहे थे. भगवान के घोड़ों को विश्राम के लिए छोड़ दिया और गधों को रथ में बांध लिया. गधे और घोड़े में काफी अंतर होता है. रथ की गति धीमी पड़ गई. भगवान सूर्य ने गधों के साथ बड़ी मुश्किल से एक माह का चक्र पूरा किया. खर यानि गधों की वजह से यह माह खरमास कहलाया.

खरमास के दौरान क्या करें

-इस दौरान सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करना चाहिए.
-इसके बाद भगवान सूर्य को अर्ध्य देकर उनकी पूजा-अर्चना करें. इससे शुभ फल की प्राप्ति होती है.
-खरमास के समय भगवान विष्णु और भगवान श्रीकृष्ण की उपासना करना भी शुभ माना जाता है.
-इस माह में किसी भी पवित्र नदी में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है. स्नान आदि करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति रोगमुक्त भी हो जाता है.
-इन दिनों गरीबों को दान देना और साधु संतों की सेवा करने से सौभाग्य की प्राप्ति भी होती हैं.

याद रखने योग्य बातें

-खरमास के महीने में विवाह, जनेऊ धारण, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए. खरमास खत्म होने के बाद आप शुभ मुहूर्त देखकर मांगलिक कार्य कर सकते हैं.
-इस दौरान शराब मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. इससे जीवन में दिक्कतें आने लगती हैं.
-किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत नहीं करनी चाहिए. इससे आपके जीवन में आर्थिक दिक्कतें बढ़ सकती हैं.
-मुंडन करने से बच्चे के भविष्य में कष्ट की संभावना रहती है.

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