क्यों भगवान गणेश ने चंद्र देवता को श्राप दिया था?

 
क्यों भगवान गणेश ने चंद्र देवता को श्राप दिया था?

हिंदू धर्म में संकट चौथ का त्यौहार प्रमुख माना जाता है. इस दिन महिलाएं संतान की सुख समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं. यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है. ज्योतिष मान्यता के अनुसार इस दिन चंद्र देवता का पूजन करना बहुत फलदाई माना जाता है. पौराणिक ग्रंथों के अनुसार गणेश चंद्र देवता का आपस में बैर माना जाता है. गणेश भगवान ने चंद्रमा से नाराज होकर उन्हें श्राप दे दिया था. भगवान शंकर के पुत्र गणेश भी अपने पिता की तरह, जब अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं तो जीवन में नया रंग ला देते हैं. वहीं अगर कोई उनकी गुस्से का शिकार हो जाता है. तो उसका जीवन बेरंग हो जाता है. चंद्र देवता भी इनके गुस्से का शिकार हुए थे.

भगवान गणेश और चंद्र देवता की पौराणिक कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार धन के देवता कुबेर ने भगवान शिव और पार्वती को अपने यहां भोजन के लिए आमंत्रित करने के लिए कैलाश पर्वत पर गए. लेकिन शिवजी समझ गए कि वह अपने धन को दिखाने के लिए उन्हें अपने घर पर आमंत्रित करने आए हैं. उन्होंने आने से मना कर दिया. कुबेर दुखी हो गए और प्रार्थना करने लगे. तो शिवजी जी ने मुस्कुरा कर कहा आप मेरे पुत्र गणेश को ले जाएं. गणेश जब जा रहे थे. तो रास्ते में उन्हें चंद्रमा मिले चंद्रमा को अपनी सुंदरता पर बहुत घमंड था.

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चंद्रमा ने जब गणेश को छोटे से चूहे पर सवार होकर हारी-टेढ़ी चाल से चलते देखा. तो उनकी हंसी निकल पड़ी. वे गणेश जी की विशेष आकृति का मजाक बनाने लगे. तब गणेश जी ने श्राप दिया कि उनका यह रंग खत्म हो जाए. चंद्रमा के सफेद होने से चारों लोक में हाहाकार मच गया. चंद्र देव को अपनी गलती का एहसास हुआ और गणेश जी से छमा मांगने लगे. गणेश भगवान ने श्राप से मुक्ति के लिए पूरी भक्ति और श्रद्धा के साथ गणेश चतुर्थी का व्रत रखने की सलाह दी. इस प्रकार चंद्रमा गणेश चतुर्थी का व्रत रखने वाले पहले व्यक्ति थे. श्री गणेश के श्राप के कारण ही चतुर्दशी का यह चंद्र श्रापित है.

याद रखने योग्य बातें

-भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को चंद्र देवता के दर्शन नहीं करने चाहिए. इस दिन जो व्यक्ति चांद को देखेगा उस पर झूठा आरोप, निंदा का पात्र बन सकता है.
-भगवान श्री गणेश की पीठ के दर्शन कभी नहीं करनी चाहिए. क्योंकि भगवान गणेश की पीठ पर दरिद्रता का वास रहता है.
-भगवान श्री गणेश पर कभी भी तुलसी नहीं चढ़ाने चाहिए. इससे घोर विपत्ति आती है और मान हानि होती है.
-घर के मंदिर में गणेश जी की खड़ी हुई कोई मूर्ति नहीं रखनी चाहिए. और जहां मूर्ति रखें. वहां बिना आसन के नहीं रखनी चाहिए. इससे घर पर हो संकट आता है.

इन खास बातों का ध्यान जरूर रखें. गणपति बप्पा का पूजन दिल लगाकर करें. गणपति बप्पा आप सभी के विघ्नों का नाश करें. और अपनी कृपा आप सभी पर बनाए रखें.

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