पूजा-पाठ के दौरान क्यों किया जाता है पान के पत्तों का इस्तेमाल, जानिए इसका महत्व और प्रयोग विधि
सनातन हिंदू धर्म में पूजा-पाठ करने का विशेष महत्व होता है. इसके साथ ही जो सामग्री उस पूजा में इस्तेमाल की जाती है, उसका भी एक अलग ही महत्व है, जैसे कि पान के पत्ते. आपको बता दें कि जब भी कोई शुभ कार्य होता है या जब भी ईश्वर का पूजन किया जाता है, तो उसमें पान के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है.
संस्कृत भाषा में इसे तांबूल बोला जाता है. वहीं विभिन्न कर्मकांडों में इसका प्रयोग किसी ना किसी स्वरूप में किया ही जाता रहा है. लोगों को शायद ही पता होगा कि पान का जिक्र ' स्कंद पुराण' में भी किया गया है. जिसके अनुसार जब समुद्र मंथन किया जा रहा था, उस समय पान के पत्ते का प्रयोग हुआ था.
ऐसा माना जाता है कि पान के पत्ते में विभिन्न देवी-देवताओं का वास होता है, इसलिए पूजा में पान के पत्ते का विधि-विधान पूर्वक इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन ध्यान रहे कि पूजा में जिन पान के पत्तों का प्रयोग होना है, उनका चयन सावधानी पूर्वक करें.
जिन पान के पत्तों में छेद हो या फिर अगर वो सूखा हुआ हो, उसे पूजा में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इससे पूजा सफल नहीं होती है. इसीलिए जो पत्ता चमकदार और सही दिखें, उसका ही उपयोग करना चाहिए. वहीं आज हम आपको विस्तार से बताएंगे कि आखिर पूजा में पान के पत्ते के क्या-क्या फायदे हैं?
▪️ नवरात्रि के समय पान के पत्ते पर गुलाबी पंखुड़ियां रखकर चढ़ाने से लक्ष्मी माता प्रसन्न होती हैं. साथ ही इससे जीवन में धन संबंधी सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं.
▪️ जब आप हवन करते हैं तो उसमें पान एक अहम सामग्री है. जब समुद्र मंथन के दौरान देवताओं ने पान के पत्ते का इस्तेमाल किया तभी से पूजा में भी इसका इस्तेमाल होने लगा.
▪️ भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भी पान में गुलकंद, खोपरे का बुरादा, सौंफ और कत्था डालकर उसे शिव को अर्पित कर दें. इससे आपकी मनोकामना पूरी हो जाएगी.
▪️ घी में सिंदूर मिलाकर पान के पत्ते पर अपना नाम लिखें और फिर इसे मां दुर्गा को चढ़ा दें. इससे विवाह का संयोग शीघ्र बनेगा.
▪️ मंगल और शनिवार के दिन पान का बीड़ा बनवाकर भगवान हनुमान को चढ़ाएं. इससे हनुमान जी भक्तों पर आने वाली समस्याओं का बीड़ा खुद उठा लेंगे.
▪️ पूजन के समय पान का पत्ता इस्तेमाल करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है. साथ ही इसके प्रभाव से आपके पूजा पाठ में किसी बुरी चीज का साया नहीं पड़ता.