Sakat chauth 2023: सकट के दिन क्यों की जाती है गणेश जी की आराधना? जानें
Sakat chauth 2023: हर महीने में कुल दो बार चतुर्थी का त्योहार पड़ता है, जिनमें से एक चतुर्थी शुक्ल पक्ष और दूसरी कृष्ण पक्ष में पड़ती है. इसी तरह से माघ महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है,
जिसे आमतौर पर सकट, तिलकुट चौथ के नाम से भी जाना जाता है. इस बार सकट का पर्व 11 जनवरी 2023 को मनाया जाएगा.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन जो भी माताएं बहने अपनी संतानों के लिए पूर्ण विधि विधान से व्रत का पालन करते हैं, भगवान गणेश उनकी संतानों की जीवन की रक्षा करते हैं.
यही कारण है कि हर साल सकट का त्यौहार बेहद ही उल्लास और उत्साह के साथ मनाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन क्यों भगवान गणेश की ही आराधना की जाती है, यदि नहीं तो हमारे आज के इस लेख में हम आपको इसी के बारे में बताने वाले हैं…
सकट वाले दिन क्यों किया जाता है भगवान गणेश का ध्यान
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एक बार जब माता पार्वती ने भगवान गणेश को बाहर खड़े होकर पहरा देने के लिए कहा था, तब भगवान शिव का मार्ग रोकने पर भगवान शिव ने अपने त्रिशूल से गणेश जी के सिर को धड़ से अलग कर दिया था.
जिसके बाद माता पार्वती के क्रोध का सामना करते हुए भगवान शिव ने गणेश जी के सिर के स्थान पर हाथी का सिर लगा दिया था, कहते हैं तभी से सकट चौथ का त्यौहार मनाया जाता है.
इस दिन प्रत्येक माताएं अपनी संतान के जीवन की सुरक्षा के लिए व्रत कामना करती हैं, ताकि उनके संतान के जीवन पर कभी भी भगवान गणेश के प्राणों जैसा संकट ना आने पाए.
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इस दिन जो भी महिला विधि विधान से व्रत का पालन करती है, उसकी संतान पर स्वयं भगवान गणेश का आशीर्वाद बना रहता है. यही कारण है कि सकट चौथ वाले दिन भगवान गणेश को तिलकुट का भोग लगाया जाता है.