माँ बगलामुखी के इस मंत्र से शत्रु, भूत-प्रेत, जैल, मुकदमा या हो धन की समस्या, हर बाधा होगा दूर
शत्रुओं पर विजय प्राप्ति, शत्रु भय से मुक्ति तथा प्रभावशाली वाक-शक्ति की प्राप्ति के लिए माँ बगलामुखी की साधना की जाती है। देवी बगलामुखी दस महाविद्याओं में से आठवीं महाविद्या है। माता बगलामुखी है। माता बगलामुखी की उपासना से शत्रुनाश, वाक्सिद्धि, वाद - विवाद में विजय प्राप्त होती है। बगलामुखी मंत्र सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति दिलाते है, रोगों की पुरानी समस्याओं और दुर्घटनाओं से सुरक्षा प्रदान करते है और संरक्षण देते है। ऐसा कहा जाता की बगलामुखी मंत्र के नियमित जप से अहंकार नष्ट होता है और शत्रुओं का नाश होता है।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार माँ बगलामुखी की इस साधना में एक विशेष संख्या में बगलामुखी मंत्र के जाप का विधान है। समान्य शत्रु बाधा दूर करने के लिए इस मंत्र का कम 10 हजार बार जाप करना चाहिए, लेकिन अगर कोई बहुत बड़ी शत्रु बाधा हो या शत्रुता में जीवन - मरण का प्रश्न हो तो ऐसे में कम से कम 1 लाख बार इस मंत्र का जाप करने वाला कभी भी शत्रु से हारता नहीं। ऐसे व्यक्ति को हर प्रकार के वाद-विवाद में विजय मिलती है और वह अपनी बातों को सही सिद्ध कर पाता है। कई जगहों पर माँ बगलामुखी के सर्व कामना पूर्ति बीज मंत्र को अशुद्ध रूप से लिखा जाता है, और अगर कोई अशुद्ध मंत्र का उच्चारण या जप करता है तो उसे कोई बड़ी हानि भी हो सकती है। मंत्र के जानकार कहते हैं कि वहीं यदि इस मंत्र का सही उच्चारण किया जाये तो माँ बगलामुखी का यह बीज मंत्र साधक की समस्त मनोकामना की पूर्ति कर सकता हैं।
बगलामुखी मंत्र के लिए कुल जप संख्या :
1,250000 बार
बगलामुखी मंत्र जप का श्रेष्ठ समय या मूहुर्त -
शक्ल पक्ष, चंद्रावली, शुभ नक्षत्र, शुभ तिथि, रात्रि समय
इस मंत्र के शुद्ध और भावपूर्ण उच्चारण से शत्रु को शांत किया जा सकता है, भूत प्रेत और जादू टोन की बाधा से रक्षा होती है, सारे डर खत्म हो जाते हैं। धन संबंधित समस्या दूर हो जाती है, इस साधना से कोई भी अपने व्यक्तित्व को प्रभावशाली बना सकता है।
बगलामुखी मंत्र के लाभ :
ऐसा माना जाता है की बगलामुखी मंत्र में चमत्कारी शक्तियां होती है, इस मंत्र के जाप से शत्रुओं पर विजय सुनिश्चित हो जाती है
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