God of vastu: कौन है वास्तु के देवता? जिनके डर से दूर भागती हैं बुरी शक्तियांं...
God of vastu: एक आम आदमी के जीवन में वास्तु के नियमों का विशेष प्रभाव पड़ता है. यही कारण है कि व्यक्ति अपने जीवन में किसी भी काम की शुरुआत से पहले, वास्तु नियमों का विशेष ध्यान रखता है.
वास्तु में बताए गए नियम ना केवल व्यक्ति को मानना आवश्यक है, यदि अपने जीवन में कोई भी काम बिना वास्तु नियमों को ध्यान में रखकर करता है, तो उसे जीवन भर तकलीफों का सामना करना पड़ता है.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिन वास्तु नियमों को आप मानते हैं, यदि आप अपने जीवन में वास्तु देवता का स्मरण नहीं करते, तो आपके द्वारा वास्तु नियमों को मानने पर भी विशेष लाभ आपको प्राप्त नहीं हो पाता, ऐसे में आपको वास्तु देवता का समय अवश्य करना चाहिए. तो चलिए जानते हैं…
कौन है वास्तु देवता और क्यों करनी चाहिए उनकी पूजा?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव के शरीर से निकले पसीने से वास्तु देवता की उत्पत्ति हुई है. ऐसा तब हुआ था जब भगवान शिव का युद्ध अंधकासुर नामक राक्षस के साथ हुआ था.
इस दौरान जब भगवान शिव के शरीर से पसीने की बूंद टपकी, तब उस प्राणी का जन्म हुआ जिसका कद आकाश से लेकर धरती तक था. उपरोक्त प्राणी के कद को देखकर देव लोक के सभी देवता घबरा गए,
जिसके बाद सभी लोग ब्रह्म देवता के पास इस प्रश्न का उत्तर पाने के लिए गए, तब ब्रह्मदेव ने उन्हें बताया कि धरती से लेकर आकाश तक जिन भी नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर पड़ेगा,
उपरोक्त प्राणी यानी कि वास्तु देवता उन सभी शक्तियों को हमेशा के लिए दूर कर देंगे. ऐसे में यदि कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में किसी भी नए काम की शुरुआत करता है, तब उसे हमेशा वास्तु देवता को स्मरण करना चाहिए.
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हिंदू धर्म में वास्तु देवता की दिशा उत्तर और पूर्व बताई गई है, ऐसे में आपको वास्तु दोष का निवारण करने के लिए उपरोक्त दिशाओं का ही इस्तेमाल करना चाहिए.
वास्तु देवता की पूजा करने मात्र से आपके जीवन में मौजूद सभी नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं, ऐसे में वास्तु देवता का ज्योतिष शास्त्र में विशेष महत्व मौजूद है.