DRDO ने कर दिखाया कमाल! किया 'Agni Prime' का सफल परीक्षण, जानें इसकी खासियत
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DRDO News: डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन डीआरडीओ (Defense Research and Development Organization) ने बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि प्राइम का सफल परीक्षण किया. मिसाइल का परीक्षण ओडिशा के तट पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया. यह परीक्षण 7 जून की रात में किया गया. रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि मिसाइल का परीक्षण अपने उद्देश्यों में सफल रहा. इस तरह का लॉन्च सिस्टम की सटीकता और विश्वसनीयता की पुष्टि करता है.
मंत्रालय के अनुसार, मिसाइल के तीन सफल विकासात्मक परीक्षणों के बाद यह पहला प्री-इंडक्शन नाइट लॉन्च था. खबर है कि परीक्षण के दौरान मिसाइल सभी पैमानों पर सटीक पाई गई है. गौरतलब है अग्नि सीरीज की ये नई मिसाइल Agni Prime 1000-2000 किलोमीटर तक सटीक निशाना साध सकती है. उम्मीद है कि इस मिसाइल को जल्द ही सेना में शामिल किया जा सकता है. यह मिसाइल परमाणु हथियारों के साथ हमला करने में सक्षम है.रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह ने इस परीक्षण के लिए डीआरडीओ और सशस्त्र बलों को बधाई दी.
DRDO द्वारा लांच अग्नि प्राइम की विशेषताएं
- अग्नि प्राइम मिसाइल अग्नि सीरीज की ही नई जेनरेशन की मिसाइल है.
- इस मिसाइल का वजन 11000 किलोग्राम है.
- यह मिसाइल 2000 किलोमीटर की दूरी तक किसी भी लक्ष्य को मार गिराने की क्षमता रखती है.
- 34.5 फिट लंबी मिसाइल पर एक या मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल रीएंट्री व्हीकल (MIRV) वारहेड लगाया जा सकता है.
- यह मिसाइल एक साथ कई टारगेट को तबाह कर सकती है.
भारत को मिसाइल क्षेत्र में मिली महारथ
आज इसके परीक्षण के मौके पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी और वैज्ञानिकों का दल मौजूद था. सूत्रों की मानें तो आने वाले चंद दिनों में भारत और कई ताकतवर मिसाइलों का परीक्षण कर सकता है. भारत मिसाइल के क्षेत्र में अब पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो चुका है. मिसाइल टेक्नोलॉजी या अन्य साजोसामान के लिए किसी अन्य देश पर निर्भर नहीं है. मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत, भारतीय वैज्ञानिक स्वदेशी ज्ञान कौशल से निर्मित मिसाइलों का निर्माण, उनके कल पुर्जों का निर्माण उनके टेक्नोलॉजी का निर्माण खुद करने लगे हैं. आज के परीक्षण से भारत को मिसाइल क्षेत्र में मानो महारत हासिल हुई है.
गौरतलब है कि भारत ने पहली बार साल 1989 में अग्नि मिसाइल का परीक्षण किया था. उस समय अग्नि मिसाइल की मारक क्षमता तकरीबन 700 से 900 किलोमीटर थी. इसके बाद साल 2004 में इसे भारतीय सेना में शामिल किया गया था. तब से लेकर अब तक भारत अग्नि सीरीज की 5 मिसाइल लॉन्च कर चुका है.
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