13 हजार साल पहले विलुप्त हो चुके 'डायर वुल्फ' को फिर से जिंदा करने वाला शख्स: कौन हैं बेन लैम?

आपने शायद उनका नाम पहले न सुना हो, लेकिन बेन लैम ने आज वैज्ञानिक दुनिया में तहलका मचा रखा है। उनकी कंपनी Colossal Biosciences ने 13 हजार साल पहले विलुप्त हो चुके 'डायर वुल्फ' को दोबारा धरती पर लाकर जीवविज्ञान की दुनिया में नया अध्याय लिख दिया है।
बेन लैम खुद को ‘जुरासिक पार्क’ के वैज्ञानिक से तुलना करना पसंद नहीं करते। उनका मानना है कि डायनासोर को वापस लाना अभी संभव नहीं, लेकिन वो वूली मैमथ जैसे जीवों को पुनर्जीवित करने की दिशा में अग्रसर हैं।
कंपनी की शुरुआत और मकसद
बेन टेक्नोलॉजी की दुनिया से आते हैं, लेकिन जब उन्होंने डी-एक्सटिंक्शन (De-extinction) के बारे में सुना, तो चुनौती और समाज पर प्रभाव डालने की संभावनाओं ने उन्हें इस क्षेत्र में खींच लिया।
Colossal का मकसद सिर्फ विलुप्त प्रजातियों को वापस लाना नहीं, बल्कि बायोडायवर्सिटी संकट से निपटना और बच्चों को विज्ञान के प्रति प्रेरित करना भी है।
डायर वुल्फ का जिंदा होना कैसा अनुभव था?
बेन बताते हैं कि जब टीम ने पहली बार डायर वुल्फ के पिल्लों का स्वस्थ जन्म देखा, तो वह पल चांद पर इंसान के पहले कदम जैसा लगा। यह दुनिया के सबसे बड़े वैज्ञानिक प्रयासों में से एक है।
डायर वुल्फ या जेनेटिकली मॉडिफाइड ग्रे वुल्फ?
कुछ आलोचक इसे केवल जेनेटिक बदलाव किया गया ग्रे वुल्फ मानते हैं। इस पर बेन कहते हैं, “डायर और ग्रे वुल्फ 99.5% तक एक जैसे हैं। प्रजातियों की परिभाषा जटिल है, लेकिन हमारा उद्देश्य स्पष्ट है।”
भारत से सहयोग पर क्या कहते हैं बेन लैम?
बेन लैम मानते हैं कि अगर भारत में एशियाटिक लायंस या दूसरी दुर्लभ प्रजातियों को बचाने के लिए वैज्ञानिक उनके साथ काम करना चाहें, तो Colossal Biosciences बिल्कुल तैयार है।
क्या इंसानों पर प्रयोग करेगा Colossal?
बेन ने साफ किया कि उनकी कंपनी इंसानों पर किसी तरह का जेनेटिक एक्सपेरिमेंट नहीं करेगी। हालांकि, उनकी तकनीक का उपयोग हेल्थकेयर में हो सकता है, जिसके लिए उन्होंने अलग कंपनी Form Bio बनाई है।
क्या डी-एक्सटिंक्शन कंजर्वेशन की जगह ले सकती है?
बेन मानते हैं कि डी-एक्सटिंक्शन कभी भी कंजर्वेशन का विकल्प नहीं बन सकता। लेकिन इससे कंजर्वेशन को नई तकनीक और स्पीड मिल सकती है। उनकी कंपनी अपनी टेक्नोलॉजी को ओपन-सोर्स करती है, जिससे दुनिया भर में इसका उपयोग हो सके।