black hole: यहां से कोई नहीं आता वापस, जानिए कुछ रोचक तथ्य
कृष्ण विवर या ब्लैक होल (black hole), सामान्य सापेक्षता में, इतने शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र वाली कोई ऐसी खगोलीय वस्तु है, जिसके खिंचाव से प्रकाश-सहित कुछ भी नहीं बच सकता। कृष्ण विवर के चारों ओर घटना क्षितिज नामक एक सीमा होती है जिसमें वस्तुएँ गिर तो सकती हैं परन्तु बाहर नहीं आ सकती। आईय जानते हैं ब्लैक होल के बारे में रोचक तथ्य...
कोई नियम नहीं करता काम
अंतरिक्ष में बहुत से ऐसे रहस्य हैं जो अभी हमारे वैज्ञानिक सुलक्षा नहीं पाएं हैं, उसी में से एक है ब्लैक होल. इस कृष्ण विवर में भौतिक का कोई नियम काम नहीं करता। मतलब समय और स्थान का कोई मतलब नहीं है। इसका गुरुत्वाकर्षण इतना शक्तिशाली होता है कि जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। यहां तक की इसके खिंचाव से यह प्रकाश को भी अपने अंदर समा लेता है।
यहां से कुछ वापस नहीं आता
आप इसे इस तरह समझें कि जब हम किसी टॉर्च से प्रकाश डालते हैं तो वह प्रकाश रिफ्लेक्ट होकर हमारी आंखों पर आता है तभी वह चीज हमें दिखाई देती है, लेकिन यदि मान लो कि प्रकाश वापस लौट कर ही नहीं आया तो वह जगह ब्लैक होल हो सकती है।
कर्व जैसा आकार देता है
दरअसल, जब कोई विशाल तारा अपने अंत की ओर पहुंचता है तो वह अपने ही भीतर सिमटने लगता है। धीरे-धीरे वह भारी भरकम ब्लैक होल बन जाता है और फिर उसकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति इतनी बड़ जाती है कि उसके प्रभाव क्षेत्र में आने वाला हर ग्रह उसकी ओर खिंचकर अंदर चला जाता है।
वह सब कुछ अपने में निगलने लगता है। इसके प्रभाव क्षेत्र को ही इवेंट हॉराइजन कहते हैं। किसी भी चीज का गुरुत्वाकर्षण स्पेस को उसके आसपास लपेट देता है और उसे कर्व जैसा आकार दे देता है।
किसने की थी खोज
स्टीफन हॉकिंग के अनुसार इसके बाहरी हिस्से को इवेंट हॉराइजन कहते हैं। स्टीफन हॉकिंग की खोज के मुताबिक हॉकिंग रेडिएशन के चलते एक दिन ब्लैक होल पूरी तरह द्रव्यमान मुक्त हो कर गायब हो जाता है। ब्लैक होल की खोज कार्ल स्क्वार्जस्चिल्ड और जॉन व्हीलर ने की थी।
आपको बता दें कि आप किसी दूसरे ग्रह पर जीवन की तलाश में निकले हों या फिर अंतरिक्ष यान से बाहर निकले हों और तभी ब्लैक होल की चपेट में आ जाएं और उसमें गिर जाएं। ऐसे में आपके साथ क्या होगा, इसकी कई संभावनाएं हैं। मतलब यह कि एक बात तो स्पष्ट है कि ब्लैक होल में गिरने के बाद आप ब्लैक होल की बाहरी सतह पर जल कर राख हो सकते हैं या फिर उसके अंदर आसानी से पहुंचकर अनंत गहराइयों में खो सकते हैं।
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