क्या होगा अगर एक सेकंड के लिए घूमना बंद कर दे पृथ्वी? जानें, कितनी बड़ी होगी तबाही
ये तो हम सब लोग जानते हैं कि पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती रहती है और सूरज की परिक्रमा करती रहती है. हम ये भी जानते हैं कि हमारी धरती हर 23 घंटे, 56 मिनट और 4.1 सेकंड में अपनी धुरी पर एक चक्कर पूरा कर लेती है. हालांकि क्या आपने कभी सोचा है कि अगर एक सेकंड के लिए पृथ्वी (Earth) घूमना बंद कर दे तो कितनी बड़ी तबाही होगी? इसका जवाब अमेरिका के मशहूर वैज्ञानिक और एस्ट्रोफिजिस्ट ने अपनी रिसर्च के आधार पर बताया है कि अगर पृथ्वी एक सेकंड के लिए घूमना बंद कर दे तो क्या होगा.
पैदा हो सकती हैं भयानक स्थितियां
अमेरिका के एस्ट्रोफिजिसिस्ट Neil deGrasse Tyson ने टीवी और रेडियो पर्सनैलिटी लैरी किंग से बात की और बताया कि अगर पृथ्वी एक सेकंड के लिए अपनी धुरी पर घूमना बंद कर दे, तो हालात भयावह होंगे. टायसन ने बताया कि हम सभी पृथ्वी के साथ पूर्व की दिशा की तरफ घूम रहे हैं और अगर ये एक सेकंड के लिए रुक जाए तो भयानक स्थितियां पैदा हो सकती हैं. टायसन ने बताया कि पृथ्वी 8000 मील प्रति घंटे की रफ्तार से अपनी धुरी पर घूम रही है और हम सब इसके साथ घूम रहे हैं. अगर एक ये एक सेकंड के लिए भी रुक जाए तो धरती पर मौजूद लोगों की जान जा सकती है.
कार एक्सीडेंट जैसे होंगे हालात
वैज्ञानिक टायसन ने कहा कि पृथ्वी एक सेकंड के लिए अगर घूमना बंद करती है तो धरती पर मौजूद पीछे की तरफ फेंक दिया जाएगा और वो अपने पीछे मौजूद किसी स्थिर सामान से टकराएगा. कोई इंसान अपनी खिड़की से बाहर फेंक दिया जाएगा तो कोई किसी ऊंची इमारत से फेंक दिया जाएगा. ये कुछ ऐसे होगा, जैसे किसी कार का एक्सिडेंट हो गया हो और कार का ड्राइवर कार की खिड़की से बाहर फेंक दिया गया हो. उन्होंने कहा कि, चूंकी कार और पृथ्वी की रफ्तार और आकार में अंतर है, लिहाजा आप कल्पना कर सकते हैं कि धरती की स्थिति कैसी हो सकती है. उन्होंने कहा है कि सिर्फ एक सेकेंड के लिए भी अगर धरती घूमना बंद कर देती है तो धरती पर मौजूद हर जीवनधारियों की मौत हो जाएगी. उन्होंने कहा कि शायद धरती पर कोई जिंदा मौजूद नहीं रहेगा.
बता दें कि टायसन इससे पहले भी अपने ट्वीट्स को लेकर चर्चा में रहे हैं. इससे पहले उन्होंने अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस की संपत्ति को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा कि था कि बेजोस की 200 बिलियन डॉलर्स संपत्ति से पृथ्वी का 180 बार चक्कर लगाया जा सकता है और इससे पृथ्वी और चांद पर 30 बार आया जाया जा सकता है. वह रिचर्ड ब्रैनसन की स्पेस यात्रा को लेकर भी ऐसे बयान दे चुके हैं.
कौन हैं वैज्ञानिक टायसन
आपको बता दें कि नील टायसन बचपन से ही फिजिक्स पढ़ने में काफी उत्साहित रहते थए और सिर्फ 9 साल की उम्र में जब वो अमेरिकन म्यूजियम ऑफ नैचुरल हिस्ट्री गये थे, तब से खगोल विज्ञान के बारे में जानने की उनकी दिलचस्पी काफी बढ़ गई थी. नील टायसन ने 1980 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की और फिर 1983 में उन्होंने टेक्सास यूनिवर्सिटी से एस्ट्रोनॉमी में मास्टर्स की डिग्री हासिल की.
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