NASA ने रचा इतिहास, पहली बार दूसरे ग्रह पर हेलीकाप्टर ने भरी उड़ान

 
NASA ने रचा इतिहास, पहली बार दूसरे ग्रह पर हेलीकाप्टर ने भरी उड़ान

अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा आए दिन अंतरिक्ष के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है. वहीं अब नासा के परसेवेरेंस रोवर के साथ मंगल ग्रह पर पहुंचे इनजेन्यूटी हेलिकॉप्टर ने पहली बार उड़ान भरकर इतिहास रचा. लगभग 6 साल की मेहनत के बाद नासा मंगल पर फ्लाइट टेस्टिंग करने में कामयाब रहा.

इस ऐतिहासिक घटना का नासा के लाइव प्रसारण किया. इनजेन्यूटी हेलिकॉप्टर का वजन 4 पाउंड यानी 1.8 किलोग्राम है. इनजेन्यूटी हेलिकॉप्टर 1.6 फीट यानी 0.5 मीटर लंबा है. इसमें बैटरी, हीटर और सेंसर भी लगा है. इसमें सबसे ऊपर सोलर पैनल लगा हुआ है, जिससे बैटरी चार्ज होती है.

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सबसे बड़ी बात यह है कि इनजेन्यूटी हेलिकॉप्टर माइनस 90 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी उड़ान भर सकता है. मंगल पर इनजेन्यूटी हेलिकॉप्टर के उड़ान भरने के बाद कैलिफोर्निया में वैज्ञानिकों ने परसेवेरेंस रोवर से सिग्नल भी रिसीव किए.

https://twitter.com/NASA/status/1384108519390027779?s=20

इनजेन्यूटी हेलिकॉप्टर ने उड़ान भरने के बाद एक ब्लैक एंड व्हाइट फोटो भेजी है. जिसमें उसकी परछाई दिख रही है. इनजेन्यूटी हेलिकॉप्टर जब मंगल की सतह से उड़ा तब उसने यह फोटो ली. थोड़ी देर बाद इनजेन्यूटी ने मंगल की सतह की कलर फोटो भी भेजी.

इनजेन्यूटी हेलिकॉप्‍टर की प्रॉजेक्‍ट मैनेजर मिमि आंग ने कहा, 'अब हम कह सकते हैं कि इंसान दूसरे ग्रह पर रोटरक्राफ्ट उड़ाने में सफल हो चुका है.' मिमि आंग ने कहा कि इनजेन्यूटी हेलिकॉप्टर का फ्लाइट टेस्ट में सफल होना बहुत बड़ी कामयाबी है.

इस मिशन में बहुत रिस्क था.मिमि आंग और उनकी टीम ने इनजेन्यूटी हेलिकॉप्टर के उड़ान भरने के पहले तीन घंटे तक इंतजार किया. इस दौरान उन्होंने लगातार नजर बनाए रखी कि कुछ गलत नहीं होना चाहिए. इससे पहले बीते 11 अप्रैल को इनजेन्यूटी हेलिकॉप्टर की फ्लाइंग टेस्टिंग होनी थी,

लेकिन कुछ टेक्निकल दिक्कतों के चलते इसे टाल दिया गया था. फिर इसका सॉफ्टवेयर अपडेट किया गया और आज हेलिकॉप्टर ने उड़ान भरने में सफलता हासिल की. जान लें कि मंगल पर उड़ान भरने वाले इनजेन्यूटी हेलिकॉप्टर की कीमत 85 मिलयन डॉलर यानी करीब 6 अरब रुपये है.

मंगल पर उड़ान भरने के लिए इनजेन्यूटी हेलिकॉप्टर के ब्लेड्स को विपरीत दिशा में धरती के अपनी धुरी पर घूमने की स्पीड से पांच गुना तेजी से घूमना पड़ा. इनजेन्यूटी के ब्लेड विपरीत दिशा में 1 मिनट में 2,500 चक्कर लगाते हैं. इनजेन्यूटी हेलिकॉप्टर हल्के वजन का है.

इसके ब्लेड काफी तेजी से घूमते हैं. यह मंगल के वातावरण और भयंकर सर्दी में भी उड़ान भरने में सक्षम है. नासा की इस सफलता के बाद मंगल की सतह के कई और राज खुलकर हमारे सामने आएंगे. हमें मंगल पर जीवन के साक्ष्य मिलने की भी संभावना है.

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