Nasa ने जारी किया अलर्ट, पृथ्वी की कक्षा से अगले हफ्ते टकराएगा 25 ट्रक के आकार का ऐस्टरॉइड

 
Nasa ने जारी किया अलर्ट, पृथ्वी की कक्षा से अगले हफ्ते टकराएगा 25 ट्रक के आकार का ऐस्टरॉइड

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चेतावनी दी है कि करीब 250 मीटर का एक विशालकाय ऐस्टरॉइड काफी तेज रफ्तार से धरती की तरफ आ रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस ऐस्टरॉइड की रफ्तार करीब 22 हजार किलोमीटर प्रति घंटा है और ये अगले हफ्ते तक पृथ्वी की कक्षा में आ जाएगा।

ऐस्टरॉइड '2021 जीएम4'

Nasa की रिपोर्ट के मुताबिक इस ऐस्टरॉइड '2021 जीएम4' पर 2006 से नजर रखी जा रही है और ये बुर्ज खलीफा बिल्डिंग के आकार का है। नासा ने अपनी रिपोर्ट में चिंता जताते हुए कहा है कि ये ऐस्टरॉइड करीब 110 मीटर लंबा और करीब 250 मीटर चौड़ा है और ये अगले हफ्ते पृथ्वी की कक्षा में दाखिल हो जाएगा। इससे पहले इसी तरह का ऐस्टरॉइड पिछले साल मई महीने में भी पृथ्वी के बेहद पास से गुजरा था, हालांकि, उस वक्त उससे पृथ्वी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था। नासा ने अपनी गणना के बाद रिपोर्ट में कहा है कि इस बार जो ऐस्टरॉइड पृथ्वी की कक्षा में आने वाला है, उसकी रफ्तार 6.29 किलोमीटर प्रति सेकेंड की है। वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि एक जुलाई को ये ऐस्टरॉइड पृथ्वी की कक्षा के नजदीक पहुंच जाएगा।

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पृथ्वी की कक्षा से टकरा सकते हैं 22 ऐस्टरॉइड

Nasa ने जारी किया अलर्ट, पृथ्वी की कक्षा से अगले हफ्ते टकराएगा 25 ट्रक के आकार का ऐस्टरॉइड
Image credit: pixabay

Nasa ने अपनी रिपोर्ट में इस ऐस्टरॉइड को बेहद खतरनाक श्रेणी में रखा है और हाल के दिनों में पृथ्वी की कक्षा में दाखिल होने वाला ये पांचवां ऐस्टरॉइड है। आपको बता दें कि ऐस्टरॉइड को क्षुद्रग्रह भी कहा जाता है। नासा ने कहा है कि वो करीब 2 हजार से ज्यादा ऐस्टरॉइड पर नजर रख रहा है, जो आने वाले वक्त में पृथ्वी के लिए खतरा बन सकते हैं।

Nasa ने कहा है कि आने वाले 100 सालों में 22 ऐसे ऐस्टरॉइड हैं, जो पृथ्वी की कक्षा में शामिल होने के बाद पृथ्वी से टकरा सकते हैं। नासा का कहना है कि ऐसे ऐस्टरॉइड जो पृथ्वी से 46.5 मिलियन मील करीब आ जाता है, उसे वो डेंजरस कैटोगिरी में रखता है। नासा का सेंट्री सिस्टम इस तरह के ऐस्टरॉइड पर नजर रखता है।

तुंगुस्का की भयावह घटना

Nasa ने जारी किया अलर्ट, पृथ्वी की कक्षा से अगले हफ्ते टकराएगा 25 ट्रक के आकार का ऐस्टरॉइड
Image credit: pixabay

30 जून 1908 में रूस के साइबेरिया में तुंगुस्का नदी के पास एक बहुत बड़ा विस्फोट हुआ था। नासा के मुताबिक, आधुनिक इतिहास में पृथ्वी के वायुमंडल में एक बड़े उल्कापिंड का पहला प्रवेश तुंगुस्का घटना के रूप में ही हुआ था। कहते हैं कि कई मील उपर हवा में जोरदार विस्फोट हुआ था और उस विस्फोट की ताकत इतनी थी कि 2,150 वर्ग किमी के क्षेत्र में तकरीबन 8 करोड़ पेड़ खत्म हो गए थे। नासा का कहना है कि उस दिन एक उल्कापिंड साइबेरिया के एक दूरदराज के हिस्से से टकराया था, लेकिन जमीन पर नहीं पहुंचा था। बताया जाता है कि उल्का पिंड में हवा में ही विस्फोट हो गया और सैकड़ों मील चौड़े क्षेत्र में पेड़ों पर कहर बन कर टूटा। इस विस्फोट में हजारों जंगली जानवर भी मारे गए थे। वैज्ञानिकों का कहना था कि अगर वो ऐस्टरॉइड आबादी वाले इलाके में गिरता, तो हजारों लोगों की जान जा सकती थी।

क्या होते हैं ऐस्टरॉइड ?

आपको बता दें कि ऐस्टरॉइड वो बड़ी बड़ी अंतरिक्ष चट्टाने होती हैं जो किसी ग्रह की तरह हीं सूर्य का परिक्रमा करती हैं लेकिन इनका आकार काफी छोटा है। लेकिन अगर ये ऐस्टरॉइड किसी ग्रह से टकरा जाएं तो वहां भूचाल आ जाता है। वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि हमारे गैलेक्सी में ज्यादातर ऐस्टरॉइड मंगल और बृहस्पति की कक्षा में पाए जाते हैं, वहीं कई ऐस्टरॉइड दूसरे ग्रहों की कक्षा में भी पाए जाते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि करीब साढ़े 4 अरब साल पहले जब हमारे गैलेक्सी का निर्माण हुआ थातब गैस और धूल की वजह से ऐसे बादल, जो किसी कारणवस कोई ग्रह नहीं बन सके, वो कालांतर में क्षुद्रगह बन गये। ऐस्टरॉइड साधारणतया गोल नहीं होते हैं और इसका आकार किसी भी तरह का या उबर खाबर भी हो सकता है।

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