अब अतंरिक्ष में घूम रहे एस्टेरॉयड से टकराएगा स्पेसक्राफ्ट, क्या धरती को है खतरा

 
अब अतंरिक्ष में घूम रहे एस्टेरॉयड से टकराएगा स्पेसक्राफ्ट, क्या धरती को है खतरा

अमेरिकी स्पेस एजेंसी Nasa और एलोन मस्क की स्पेस एजेंसी SpaceX एक नया मिशन शुरू करने वाले हैं इस खास मिशन के लिए एक स्पेसक्राफ्ट ने अंतरिक्ष में उङान भरी है. ये स्पेसक्राफ्ट बाकि स्पेसक्राफ्ट से अलग है क्योंकि इसका लक्ष्य है अंतरिक्ष में घूम रहे एस्टरॉयड से टकराना. यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि भविष्य में धरती को एस्टरॉयड के खतरे से बचाया जा सके. इस मिशन का उद्देश्य सिर्फ यह जानना है कि इस टक्कर से एस्टरॉयड की दिशा में कोई बदलाव होता है या नहीं. इस मिशन से धरती को एस्टरॉयड से बचाने की जानकारी मिलेगी.

WION नाम की एक वेबसाइट के मुताबिक Nasa और SpaceX का स्पेसक्राफ्ट जिस एस्टरॉयड से टकराएगा उससे धरती को कोई खतरा नहीं है. इस स्पेसक्राफ्ट की लॉन्चिंग कैलिफोर्निया में वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से SpaceX के Falcon-9 रॉकेट से की गई. इस मिशन से यह पता चलेगा कि भविष्य में धरती की तरफ बढने वाले एस्टरॉयड के खतरे को कैसे खत्म कर सकते हैं.

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DART मिशन:

Nasa और SpaceX के द्वारा शुरू किए गए इस मिशन का नाम DART मिशन है. बता दें कि यह स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में घूम रहे एस्टरॉयड से 1500 मील प्रतिघंटा की रफ्तार से टकराएगा. इस टकराव से एस्टरॉयड की दिशा में होने वाले बदलाव को देखा जाएगा. साथ ही इस टक्कर के होने के बाद एस्टरॉयड के धूल, मिट्टी, धातु और वातावरण का अध्ययन किया जाएगा. इस मिशन में जिस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है उसे काइनेटिक इम्पैकटर टेक्निक कह रहे हैं. Nasa के अनुसार इस मिशन का नाम डबल एस्टरॉयड रिडायरेक्शन टेस्ट है.

यह स्पेसक्राफ्ट डिडिमोस नाम के एस्टरॉयड से टकराएगा. इस एस्टरॉयड का व्यास 2600 फीट है और इस एस्टरॉयड के चारों तरफ एक पत्थर भी चक्कर लगाता है जो चंद्रमा जैसा है इस पत्थर का व्यास 525 फीट है. यह परियोजना कुल 300 मिलियन डॉलर की है और वैज्ञानिकों का यह कहना है कि हम यह कोशिश कर रहे हैं कि एस्टरॉयड के खतरे को कैसे टालें. ताकि भविष्य में किसी एस्टरॉयड की पृथ्वी के साथ टक्कर ना हो.

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