भारतवंशी स्वाती की मेहनत लाई रंग, पर्सेवरेंस रोवर ने मंगल की सतह पर सफलतापूर्वक की लैंडिंग
Nasa: कहते हैं कि अगर मन में कुछ करने का ठान लो तो मुश्किल से मुश्किल काम भी सफल हो जाता है. भारतीय मूल की स्वाती मोहन और उनकी टीम की मेहनत रंग लेकर आई है. नासा के पर्सेवरेंस रोवर ने गुरुवार देर रात को मंगल की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की है। पर्सेवेरेंस रोवर ने जेजेरो (Jezero) नामक एक 820 फुट गहरे क्रेटर पर लैंडिंग की. इसके साथी ही नासा ने जेजेरो की पहली सेल्फी ट्वीटर के माध्यम से सभी के साथ साझा की। नासा की ये कोशिश लाल ग्रह पर मनुष्य को बसाने की उम्मीदों को लेकर बेहद अहम कदम है।
भारतवंशी अमेरिकी साइंटिस्ट स्वाति मोहन (Swati Mohan) कैलिफोर्निया स्थित पासाडेना में मौजूद नासा (NASA) की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) में काम करती है. नासा का मार्स पर्सिवरेंस रोवर (Perseverance Rover) कब कितनी गति से कहां उतरेगा. उसका दिशा और दशा क्या होगी. वह किस ऊंचाई पर कितनी गति से चलेगा. यह सारा कुछ स्वाती मोहन और उनकी टीम के जिम्मे था. आखिर में उनकी सफलता के चर्चे पूरी दुनिया में हैं.
स्वाति ने अमेरिका में की है पढ़ाई
आपको बता दें कि स्वाति मोहन मार्स पर्सिवरेंस रोवर मिशन का हिस्सा साल 2013 से हैं. स्वाति जब एक साल की थीं तब उनके माता-पिता अमेरिका में शिफ्ट कर गए थे. स्वाति ने वॉशिगंटन डीसी के नॉर्दन वर्जिनिया इलाके में एलेक्जेंड्रिया स्थित हेफील्ड हाईस्कूल से प्राइमरी एजुकेशन प्राप्त की है.
नासा के कई वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह पर उतरने वाले पर्सेवरेंस रोवर की लैंडिंग को लेकर काफी चिंता जताई थी लेकिन इस मिशन का नेतृत्व कर रही स्वाति मोहन के जेजेरो क्रेटर पर सफलतापूर्वक लैंड करने की पुष्टि करने के बाद उनकी ये चिंता, उत्साह में बदल गई।
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