वैज्ञानिकों का दावा, इतने सालों बाद सिर्फ बैक्टीरिया का होगा धरती पर राज, खत्म हो जाएँगे इन्सान...

 
वैज्ञानिकों का दावा, इतने सालों बाद सिर्फ बैक्टीरिया का होगा धरती पर राज, खत्म हो जाएँगे इन्सान...

धरती पर इंसानो का वास होता है, आठों ग्रहों में से सिर्फ धरती पर न जाने कितने जीव-जंतु, पेड़-पौधे, पानी और हवा पाई जाती है. लेकिन आज से सौ करोड़ साल आगे की कल्पना की जाए तो शायद ये सभी चीजें यहां से विलुप्त हो सकती हैं. ऐसा जापान और अमेरिका के वैज्ञानिकों का कहना है.

जापान के टोहा यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक काजुमी ओजाकी और अटलांटा के जेआईईटी ( जोर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) के क्रिस रीनहार्ड ने भविष्य में धरती पर होने वाले वायुमंडलीय बदलाव की गणना किया है

दोनों देशों के वैज्ञानिकों ने यह दावा किया है कि भविष्य में धरती से ऑक्सीजन की मात्रा काफी कम हो जाएगी. जिसकी वजह से जटिल एरोबिक जीव और फोटोसिंथेटिक जीवों की जिंदगी पर संकट आ जाएगा. और इनके खत्म होने की आशंका बहुत ज्यादा हो जाएगी

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उनके मुताबिक , यहां सूरज के ज्यादा गर्म होने का असर कार्बन डाइआक्साइड लेवल पर पड़ेगा. CO2 कम होने लगेगा और इससे धरती की गर्मी सोंखने की क्षमता में कमी आएगी. इसके बाद धरती का वायुमण्डल टूटने लगेगा. और CO2 कम होने के कारण यहां फोटो सिंथेटिक जीव जैसे पेड़-पौधे जीवित नहीं रह पाएंगे

वैज्ञानिकों ने बताया कि धरती पर ऑक्सीजन का स्तर शुरुआत में काफी कम था. यही हाल भविष्य में सौ करोड़ साल बाद फिर होगा. दोनों वैज्ञानिकों के मुताबिक अगले 100 करोड़ साल तक धरती का ऑक्सीजन स्तर अभी जैसा ही बना रहेगा, लेकिन इसके ठीक बाद ऑक्सीजन के स्तर में भयावह कमी आएगी. वायुमंडल में ऑक्सीजन की मौजूदगी स्थाई नहीं रहेगी. सूरज की उम्र ढलने की वजह से वह और गर्म होता जाएगा और ऑक्सीजन का कम होना फिर स्वाभाविक होगा

इतना ही नहीं, वैज्ञानिकों द्वारा यह अंदाजा लगाया गया है कि आज से सौ करोड़ साल बाद धरती के वायुमंडल में मीथेन गैस की मात्रा 10 हजार गुना बढ़ जाएगी. जैसे ही धरती के वायुमंडल में इस तरह का बदलाव शुरू होगा, उसके अगले 10 हजार सालों में धरती से ऑक्सीजन का स्तर खत्म हो जाएगा

काजुमी ओजाकी कहते हैं कि "धरती बायोस्फेयर में अचानक हो रहे इस पर्यावरणीय बदलाव को बर्दाश्त नहीं कर पाएगा. इसके बाद धरती पर सिर्फ सूक्ष्म जीव (Microbial Organism) ही जीवित रह पाएंगे. इस समय जो एनएरोबिक और प्राचीन बैक्टीरिया छिपे हुए हैं वो धरती पर राज करने लगेंगे. जमीन और समुद्र से जटिल जीवों का खात्मा शुरू हो जाएगा"

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