क्या है वाइट फंगस इन्फेक्शन जिसे ब्लैक फंगस से भी माना जा रहा है अधिक खतरनाक
देश भर में बढ़ते COVID-19 मामलों के बीच, बिहार सहित भारत के कई राज्यों में ब्लैक फंगस (Black Fungus) संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद अब इससे भी खतरनाक माने जा रहे व्हाइट फंगस (White Fungus) संक्रमण के चार मामले पटना, बिहार से सामने आए हैं.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, वाइट फंगस के संक्रमण ब्लैक फंगस संक्रमण के मुकाबले अधिक खतरनाक हैं क्योंकि इस बीमारी में फेफड़ों के साथ-साथ शरीर के अन्य भागों जैसे नाखून, त्वचा, पेट, गुर्दे, मस्तिष्क, निजी अंगों और मुंह को प्रभावित करता है.
हाल के दिनों में, देश ने ब्लैक फंगस के मामलों में वृद्धि दर्ज की है. राजस्थान, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा और असम जैसे कई राज्यों ने गुरुवार को ब्लैक फंगस को खतरनाक बीमारी घोषित किया.
क्या है व्हाइट फंगस
एक्सपर्ट की माने तो व्हाइट फंगस को कैंडिडायसिस भी कहते हैं जो एक प्रकार का फंगल इंफेक्शन भी है. चूँकि इसके लक्षण कोरोना से काफी मिलते हैं ऐसे में टेस्ट करने पर मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव भी पाई जा सकती है. इस गम्भीर बीमारी का पता डॉक्टर सिटी स्कैन या एक्स-रे की मदद से लगाते हैं. हालाँकि शुरुआती मामलों में सिर्फ बलगम की जांच देनी होती है.
कौन से लक्षण दिखने पर अलर्ट हो जाएं
कोरोना से मिलते-जुलते वाइट फंगस की बीमारी में संक्रमितों में ज्यादातर बुखार और कम्पन के लक्षण पाए जाते हैं. यह खतरनाक वायरस शारीर के दिल, ब्रेन, आंखें, हड्डियों और जोड़ों में भी तकलीफ पहुंचा सकता है. ऐसे कोई भी लक्षण दिखने पर अपने नजदीकी डॉक्टर से जरुर सलाह लें.
किन मरीजों को अधिक खतरा है
- व्हाइट फंगस ज्यादातर उन्हीं को पकड़ सकती है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी कि इम्युनिटी कम होती है. कोविड की तरह इसमें भी संक्रमित मरीज के सम्पर्क में आने से स्वस्थ इंसान में भी संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.
- बता दें कोरोना के मरीजों को ज्यादा सावधान रहने की जरुरत है क्यूंकि ऐसे मरीजों में व्हाइट फंगस होने का खतरा बढ़ जाता है. खासतौर पर जो ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं.
- इसके अलावा कमजोर इम्युनिटी वाले डायबिटीज और कैंसर के मरीजों के भी संक्रमित होने की आशंका ज्यादा है. या फिर जिनका हाल में सर्जरी/ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुआ है.
संक्रमण से बचने के उपाय
- स्वस्थ आदमी अपने आप को कोरोना या वाइट फंगस से संक्रमित मरीजों से दूर रखें.
- दवाई भी असरदार साबित हो सकती है. कोरोना से अधिक रिस्क पर रहने वाले मरीजों को एंटी-फंगल दवाएं देकर उनमें फंगल संक्रमण होने के चांसेस को कम किया जा सकता है.
- सफाई का रखें ध्यान और दिन में अपने हाथों को बार-बार साबुन से धोएं.
- कोरोना के मरीजों के आसपास सैनिटाइजेशन करना जरुरी.
- अगर हाल में आपकी ऑर्गन ट्रांसप्लांट और सर्जरी हुई है तो आपको ज्यादा सतर्क रहने की जरुरत है.
- कोई भी लक्षण जैसे बुखार, कम्पन, जोड़ों में दर्द इत्यादि दिखें तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें.
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