सात साल बाद टेस्ट मैच खेलने उतरेगी भारतीय महिला टीम, ब्रिस्टल में होगा इंग्लैंड से मुकाबला

 
सात साल बाद टेस्ट मैच खेलने उतरेगी भारतीय महिला टीम, ब्रिस्टल में होगा इंग्लैंड से मुकाबला

Ind W vs Eng W: इंग्लैंड में एक शनदार रिकॉर्ड लेकिन अपर्याप्त तैयारी का समय मिलने के बावजूद "सकारात्मक मानसिकता" वाली भारतीय महिला क्रिकेट टीम बुधवार, 16 जून से इंग्लैंड के खिलाफ एकमात्र, लेकिन एतिहासिक टेस्ट मैच खेलेगी. लगभग सात वर्षों के बाद अपने पहले टेस्ट मैच में वे मजबूत और अनुभवी मेजबान टीम से काउंटी ग्राउंड ब्रिस्टल में भिड़ेगी.

मिताली राज की कप्तानी वाली भारतीय महिला टीम को मुकाबले की तैयारी के लिए सिर्फ 1 हफ्ते का समय मिला है. हालाँकि, भारतीय टीम में टैलेंट और अनुभवी खिलाड़ियों की कोई कमी नहीं है. महिला टीम नवम्बर, 2014 यानी 7 साल के बाद कोई टेस्ट मैच खेलेगी.

अनुभवी खिलाड़ियों ने हाल में नहीं खेला है कोई टेस्ट मैच

भारतीय महिला कप्तान मिताली उन सात मौजूदा खिलाड़ियों में शामिल हैं, जो दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैसूर में हुए टेस्ट मैच की विजयी ग्यारह का हिस्सा थीं. जबकि उपकप्तान हरमनप्रीत कौर, स्मृति मंधाना और झूलन गोस्वामी जैसे अनुभवी खिलाड़ियों ने हाल के दिनों में रेड बॉल क्रिकेट बिल्कुल नहीं खेला है. यह उन युवा खिलाड़ियों के लिए और भी कठिन परीक्षा होगी, जिन्हें प्रथम श्रेणी में खेलने का मौका नहीं मिलता है.

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क्या कहते हैं रिकार्ड्स

वहीं दूसरी तरफ इंग्लैंड की महिला टीम दीगर टीमों के खिलाफ नियमित अंतराल पर टेस्ट मैच खेलती रहती रही है. हालाँकि टेस्ट रिकॉर्ड की बात करें तो भारतीय टीम का पलड़ा भारी है. दोनों टीमों के बीच खेले गए 13 टेस्ट में से टीम इंडिया ने 2 मुकाबले जीते हैं. वहीं इंग्लैंड की टीम को सिर्फ एक मैच में सफलता मिली जबकि 10 टेस्ट ड्रॉ रहे.

युवा शेफाली को मिल सकता है मौका

कल ब्रिस्टल ग्राउंड में 17 वर्षीय होनहार बल्लेबाज शैफाली वर्मा स्मृति मंधाना के साथ पारी की शुरुआत कर सकती हैं. वह बिना किसी प्रेशर के बल्लेबाजी करती हैं और शीर्ष क्रम में अच्छा प्रभाव डाल सकती है.

वही कप्तान मिताली, उपकप्तान हरमनप्रीत और पूनम राउत की अनुभवी तिकड़ी के लिए भी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में टीम को सम्भालने की जिम्मेदारी होगी.

ड्यूक की जगह कूकाबुरा गेंद से खेला जाएगा मैच

इंग्लैंड महिला टीम के द्वारा ड्यूक गेंद की जगह कूकाबुरा से खेलने के कारण बल्लेबाजों को कुछ राहत मिल सकती है. मेजबान टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ साल के अंत में होने वाले एशेज टेस्ट के लिए तैयार रहना चाहती हैं इस कारण उन्होंने कूकाबूरा की गेंद से ही टेस्ट मैच खेलने की इच्छा जताई है.

यह भी देखना दिलचस्प रहेगा कि अनुभवी तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी और शिखा पांडे मैच में कितने लंबे स्पेल कर पाएंगी.

अजेय रही है भारतीय महिला टीम

बता दें कि इंग्लैंड की धरती पर भारतीय महिला टीम टेस्ट मैचों में अबतक अजेय रही है. ब्रिस्टल टेस्ट में अगर भारतीय महिला टीम जीत दर्ज करती है तो ये उसकी लगातार चौथी जीत होगी. ऑस्ट्रेलिया को अगर छोड़ दें तो पूरी दुनिया में किसी महिला टीम ने तीन टेस्ट लगातार नहीं जीते. मिताली राज की कप्तानी में टीम इंडिया जीतकर एक नया इतिहास बनाना चाहेगी.

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