5 भारतीय खिलाड़ी जो नहीं कर पाए अपनी जगह के साथ न्याय

 
5 भारतीय खिलाड़ी जो नहीं कर पाए अपनी जगह के साथ न्याय

क्रिकेट को जेंटलमैन गेम कहा जाता हैं .और हर कोई क्रिकेट खेलने वाले व्यक्ति की बस यही तम्मना होती है कि उसे बस इंडियन क्रिकेट टीम में जगह मिल जाये.

इसी मंज़िल को पाने के लिये वे कड़ी मेहनत करते हैं और खूब नाम भी कमाते हैं.

वहीं दूसरी ओर , कुछ ऐसे भी खिलाड़ी होते है जो इस जर्सी को प्राप्त तो कर लेते है लेकिन इसके साथ न्याय नही करते है.

आज हम उन्हीं खिलाड़ियों के बारे में बात करेंगे जिन्हें भारतीय टीम में जगह तो मिली, लेकिन अपने खराब प्रदर्शन के कारण उन्हें जल्द ही दरकिनार कर दिया गया.

योगराज सिंह

योगराज सिंह ने 1980 में न्यूजीलैंड के खिलाफ राष्ट्रीय टीम के लिए पदार्पण किया.

उन्हें 6 एकदिवसीय मैच और एक अकेला टेस्ट खेलने का मौका मिला. जिसमें उन्होंने 11 रन बनाए और पांच विकेट हासिल किए.

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उनका घरेलू क्रिकेट स्कोर उतना प्रभावशाली नहीं था जिसके आधार पर उन्हें राष्ट्रीय टीम के लिए चुना गया था. प्रथम श्रेणी क्रिकेट में, उन्होंने 30 मैचों में 349 रन बनाकर 66 विकेट लिए.

पंजाब में जन्मे ऑलराउंडर ने अपने पूरे करियर में एक भी अर्धशतक नहीं बनाया, लेकिन फिर भी, उन्हें नीली जर्सी में भारत की ओर से खेलने का अवसर मिला.

वहीं दूसरी ओर उनके बेटे युवराज सिंह ने वर्ल्डकप 2011 फाइनल में शानदार पारी खेली थी.

रमेश पोवार

मुंबई के रमेश पोवार दाएं हाथ के स्पिनर थे. लेकिन उनके साथ दिक्कत उनकी फिटनेस को लेकर थी.

वे इस बात को भली-भांति जानते थे कि वजन कम करने से उनके खेल में सकारात्मक परिवर्तन आएंगे परंतु वे ऐसा करने में विफल रहे.

पवार बहुत ही खराब फील्डर थे जिसके कारण टीम को काफी नुकसान भी झेलना पड़ा और अंत में यही वजह रही कि उन्हें सेलेक्टरों ने जल्द ही टीम से बाहर कर दिया.

विक्रम सिंह या वी.आर.वी सिंह

घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन न करने के बावजूद भी बीआरबी सिंह को भारतीय टीम में जगह मिली

इन्होंने भारतीय टीम के लिए 5 टेस्ट मैच खेले. जिसमें बल्ले से मात्र 11.75 के औसत से 47 रन बनाये. जबकि गेंद के साथ उन्होंने 53.38 के औसत से 8 विकेट ही हासिल किये.

2 एकदिवसीय मैच में एक भी विकेट नहीं लिया और बल्ले से उन्होंने मात्र 8 के औसत से 8 रन बनाये.

इनका आईपीएल प्रदर्शन भी निराशाजनक ही रहा. ये भी जल्द ही भारतीय टीम से बाहर हो गए.

एमएसके प्रसाद

इस सूची में भारत के पूर्व मुख्य चयनकर्ता रहे एमएसके प्रसाद भी शामिल है.

एमएसके प्रसाद के नाम से मशहूर मन्नावा ने भारत के लिए 6 टेस्ट मैच में 11.78 की औसत से 106 रन बनाये. जिसके बाद उन्हें 17 एकदिवसीय मैच में 14.56 के औसत से 131 रन बनाये. जिसमें एक अर्द्धशतक भी शामिल था.

इन्होंने अपने सम्पूर्ण क्रिकेट करियर में एक भी यादगार पारी नही खेली.

गुरकीरत सिंह मान

गुरकीरत सिंह मान को एक ऑलराउंडर के रूप में टीम में जगह मिली थी. लेकिन ये इस स्वर्ण मौके का फायदा नही उठा पाये और टीम से बाहर हो गये.

मान ने 3 एकदिवसीय मैच भारत के लिए खेलते हुए 6.5 के औसत से 13 रन बनाये और गेंद के साथ भी उन्होंने 6.8 के इकॉनमी रेट से रन लुटाए और सिर्फ 1 विकेट हासिल किए.

जिसके कारण बाद में उन्हें कभी भारत की ओर से खेलने का मौका नहीं मिल पाया .

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