इंग्लैंड टीम भारत के साथ इस बदजुबानी जंग में हर बार मुंह की खा चूका हैं- पढ़िए पूरी स्टोरी
अवसर भारत का इंग्लैंड दौरा 2021। अभी कुछ दिनो पूर्व। नॉटिंघम का पहला टेस्ट बारिश में धूला। दूसरा टेस्ट लॉर्ड्स में अंतिम दिन निर्णायक स्थिति म़े पहूँचा। जीत कोई भी सकता था। लेकिन पराजय का खतरा भारत पर ज्यादा था। क्योंकि सिर्फ 157 रन भारत के हाथ थे और रिषभ पंत के साथ बल्लेबाजी के लिए सारे पुछल्ले ही थे।
पंत जल्दी आउट हो गए। क्रीज पर थे बूमराह और मो. शमी। इससे पहले जेम्स एंडरसन और कोहली के बिच कहासुनी हो चूकि थी। उसके बाद बटलर और बूमराह के बिच भी विवाद हुआ। मार्क वुड ने बूमराह के सिर को निशाना बनाया और शॉर्ट पिच गेंदे डाली। उसके बाद बूमराह की जो रुट और एंडरसन से भी बहस हुई।
इस सारे वाद-विवाद का परिणाम यह हुआ की उकसाए गए और तमतमाएँ मो. शमी और बूमराह ने फिर वो कर दिखाया जो इंग्लैंड के खिलाडी बरसों-बरस नहीं भूलेंगे। शमी ने अर्धशतक और बूमराह ने 34 रन अंग्रेजों पर लगभग आक्रमण बोलते हुए बना दिए और 272 का ऐसा स्कोर बोर्ड पर लगा दिया जो अंततः इंग्लैंड की हार का सबब बना। भारत के गेंदबाजों ने इंग्लिश बल्लेबाजी के परखच्चे उडाते हुए 120 रन के शर्मनाक स्कोर पर उखाड कर ऐतिहासिक जीत दर्ज कर ही दम लिया। एक बार फिर एंडरसन, बटलर, रॉबिन्सन को अभद्रता भारी पड़ी। इस बदजुबानी की कीमत इंग्लैंड ने फिर हार के रुप म़े चुकाई।
सार यही है की स्लेजिंग हो, बदजुबानी हो, उकसाना हो या और कोई अभद्रता हो यह "आटे में नमक" के बराबर तक तो ठिक है। लेकिन इससे जब किसी खिलाडी या टीम के स्वाभिमान को चोट पहूँचती हो तो वह मर्माहत हो जाती है और परिणाम प्रतिउत्तर में मुंह की खाने के रुप में सामने आते है।
इंग्लैंड टीम भारत के साथ इस बदजुबानी जंग में हर बार मुंह की खा चूकी है लेकिन उसका यह "आ बैल मुझे मार" वाला शो सतत् जारी है। खुदा खैर करें !!