IPL 2021: नाम बदलने से क्या बदलेगी पंजाब की किस्मत!
IPL 2021: पंजाब किंग्स, इस टीम को सभी पहले किंग्स 11 पंजाब के नाम से जानते थें. आईपीएल 2021 के शुरू होने से पहले फ्रेंचईजी ने सबसे पहले अपने नाम को बदला. पंजाब ने अबतक आईपीएल ख़िताब अपने नाम नहीं किया है. पहले सीजन में टॉप 4 और फिर 2014 के फाइनल तक के सफर को हटा दिया जाए तो हर साल इस टीम के हाथ निराशा ही लगी है.
हालाँकि, पिछले सीजन स्टार बल्लेबाज के.एल राहुल को कप्तान बनाकर पंजाब ने कुछ अलग सोचा, लेकिन आखिरी लीग मुकाबले में टीम पिछड़ गई. इस सीजन के लिए पंजाब ने अपनी डेथ ओवर की गेंदबाजी और निचले क्रम के बल्लेबाजों को लेकर अपनी कमियों को दूर करने की कोशिश की है.
पंजाब के पास हैं टूर्नामेंट के सबसे विष्फोटक टॉप-4 बल्लेबाज
पंजाब के पास सॉलिड टॉप 4 के बल्लेबाज मौजूद हैं. के.एल राहुल, मयंक अग्रवाल की सलामी जोड़ी के साथ क्रिस गेल और निकोलस पूरण विष्फोटक शुरुआत प्रदान करने के लिए काफी हैं. ये 4 बल्लेबाज कभी भी तोड़-फोड़ मचा सकते हैं. वही ऑक्शन में टी-20 के नंबर 1 बल्लेबाज डेविड मलान, गेल का बढ़िया विकल्प साबित हो सकते हैं.
नए खिलाड़ियों के आने से सुलझ सकती है निचले क्रम की समस्या
मलान के अलावा इस टीम ने ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के ऑलराउंडर मोइसेस हेनरिक्स और फेबियन एलेन को जोड़ा है. हेनरिक्स 5 या 6 नंबर पर एक बढ़िया बल्लेबाज साबित हो सकते हैं जो गेंदबाजी में भी टीम को योगदान दे सकें.
निचले- क्रम की कमी को दूर करने के लिए तमिल नाडु के आक्रामक बल्लेबाज शाहरुख़ खान भी बढ़िया विकल्प हैं जो सयेद मुश्ताक अली टी-20 ट्रॉफी में 200 की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी कर चुके हैं. वही उनका साथ देने के लिए मंदीप सिंह, दीपक हुड्डा या सरफ़राज़ खान के विकल्प भी शामिल हैं.
समाप्त हो सकती है डेथ ओवर की समस्या
इनके अलावा बिग बैश लीग में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज जाय रिचर्डसन और युवा राइली मेरेडिथ के आने से तेज गेंदबाजी मजबूत दिखती है. मोहम्मद शमी और क्रिस जॉर्डन के साथ रिचर्डसन के खेलने से पंजाब की डेथ ओवर की समस्या समाप्त हो सकती है.
युवा बिश्नोई और अश्विन पर होगी बड़ी जिम्मेदारी
वही पिछले सीजन दोनों युवा लेग स्पिनर रवि बिश्नोई और मुरुगन अश्विन ने अच्छा प्रदर्शन किया था. इस सीजन भी कोच अनिल कुंबले और कप्तान राहुल इन दो युवा होनहार गेंदबाजों से उसी प्रदर्शन को दोहराने की उम्मीद कर रहे होंगे.
पंजाब को खल सकती है ऑफ़ स्पिन गेंदबाज की कमी
हालाँकि टीम के पास एक मंझा हुआ ऑफ़ स्पिनर मौजूद नहीं है. बेशक ऑक्शन में फ्रेंचाईजी ने जलज सक्सेना और उत्कर्ष सिंह को ख़रीदा है, लेकिन इनके पास कोई बड़ा नाम मौजूद नहीं है और प्रतियोगिता में आगे चलकर पंजाब को इसकी कमी खल सकती है.
निरंतरता का आभाव है टीम की सबसे बड़ी कमजोरी
पंजाब की दूसरी और सबसे बड़ी कमजोरी है कि इस टीम में निरंतरता की कमी रही है. अच्छे और मैच विनर खिलाड़ियों के होने के बावजूद ये कभी एक टीम के साथ नहीं खेलते हैं. एक हार के बाद दूसरे मुकाबले में खिलाड़ियों को बदलने से खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर असर पड़ता है और यह सीजन पंजाब को ऐसा करने से बचना होगा.