Tokyo Paralympics: भाविनाबेन पटेल ने सिल्वर मेडल जीतकर रचा इतिहास, भारत का खुला खाता
टोक्यो पैरालंपिक में भारतीय खिलाड़ी भाविनाबेन पटेल (Bhavinaben Patel) ने इतिहास रच दिया है. भाविनाबेन ने पैरालंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर देश को पहला मेडल दिलवाया है. बतादे, टोक्यो पैरालंपिक में ये भारत का पहला मेडल है और भाविनाबेन ने इसे अपने नाम कर देश का और गौरव बढ़ाया है. टेबल टेनिस में गोल्ड मेडल के लिए खेले गए इस मैच में भाविना को दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी चीन की यिंग झोउ के खिलाफ 0-3 से हार का सामना करना पड़ा. हालांकि इस हार के बावजूद उन्होंने करोड़ों भारतीयों का दिल जीत लिया है.
भाविनाबेन ने इससे पहले सेमीफाइनल में क्लास 4 वर्ग के सेमीफाइनल में दुनिया की नंबर तीन खिलाड़ी को मात देकर फाइनल में एंट्री की थी. ऐसे में सबको विश्वास था कि फाइनल में उलटफेर करके भाविनाबेन स्वर्णिम इतिहास रचने में सफल होंगी लेकिन ऐसा नहीं हो सका और उन्हें सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा. यह भारत का मौजूदा पैरालंपिक (Tokyo Paralympic) खेलों में पहला पदक है.
क्या होती है क्लास-4 कैटेगरी
क्लास-4 कैटेगरी के एथलीट का बैठने का संतुलन बरकरार होता है और उसके दोनों हाथ ठीक होते हैं. ऐसे एथलीटों की दिव्यांगता लोअर स्पाइन की समस्या के कारण हो सकती है या फिर वो सेरिब्रल पाल्सी का शिकार हो सकते हैं. पैरा टेबल टेनिस के क्लास 1-5 तक के एथलीट व्हीलचेयर पर खेलते हैं और 6-10 तक के एथलीट खड़े होकर खेल खेलते हैं.