पहले बेटी और अब पिता को खोने के बावजूद रणजी ट्रॉफी मैच खेलेंगे 'जिंदादिल' विष्णु सोलंकी
क्रिकेटर विष्णु सोलंकी ने टीम के साथ बने रहने और एक के बाद एक परिवारों में दुखद मौतों को झेलने के बावजूद बड़ौदा के लिए तीसरा रणजी ट्रॉफी मैच खेलने का फैसला किया है. पिछले कुछ सप्ताह सोलंकी के लिए बेहद कठिन रहे है.
उन्होंने पहले अपनी नवजात बेटी को खोया और फिर रविवार को उन्होंने अपने बीमार पिता को भी खो दिया. इसके बावजूद भी टीम के लिए खेलने के उनके साहसिक फैसले ने क्रिकेट फैंस को हैरान कर दिया है और हर कोई उनकी जिंदादिली की दाद दे रहा है.
बड़ौदा क्रिकेट संघ के सचिव अजीत लेले ने कहा, "वह (विष्णु) आखिरी मैच खेलेंगे. वह वापस नहीं आ रहे है. वह तीसरा मैच खेल रहे है और टीम के साथ रह रहे है."
29 साल के क्रिकेटर 10 फरवरी को पिता बने थे लेकिन अगले ही दिन उनकी बच्ची की मौत हो गई. हालाँकि बड़ौदा के लिए खेलने के लिए लौटने पर सोलंकी ने चंडीगढ़ के खिलाफ 104 रन बनाए लेकिन अंतिम दिन उन्हें अपने पिता की मृत्यु की खबर मिली.
बीसीए के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "जब उनकी बेटी की मृत्यु हो गई, तो वह वापस आ गए लेकिन वह पहला मैच मिस कर गए क्योंकि उसे फिर से तीन दिन के क्वारंटाइन से गुजरना पड़ा. लेकिन अब वह वापस आ गाये है." बड़ौदा 3 मार्च को भुवनेश्वर के विकास क्रिकेट मैदान में अपने आखिरी एलीट ग्रुप बी गेम में हैदराबाद से भिड़ेगा.