मैग्नस कार्लसन ने नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट 2025 जीता, डी गुकेश तीसरे स्थान पर

नई दिल्ली: शतरंज की दुनिया के शानदार खिलाड़ी और 'मोजार्ट ऑफ चेस' के नाम से मशहूर मैग्नस कार्लसन ने नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट 2025 को जीत लिया है। फाइनल में अमेरिकी ग्रैंडमास्टर फैबियानो कारूआना से हारने के बावजूद, भारत के डी गुकेश तीसरे स्थान पर रहे। अंतिम राउंड में भारत के अर्जुन एरिगैसी के खिलाफ ड्रॉ खेलकर कार्लसन ने 16 अंकों के साथ यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट अपने नाम किया।
मैग्नस से गुकेश की ऐतिहासिक जीत
गुकेश ने नॉर्वे शतरंज 2025 के छठे राउंड में कार्लसन को हराकर इतिहास रच दिया था। यह पहली बार था जब गुकेश ने क्लासिकल शतरंज में कार्लसन को हराया। कार्लसन ने अपनी हार के बाद मेज पर मुक्का मारा, हालांकि, बाद में उन्होंने गुकेश से माफी भी मांगी।
मैग्नस कार्लसन की उपलब्धियां
मैग्नस कार्लसन, जो नॉर्वे के रहने वाले हैं, पांच बार के वर्ल्ड शतरंज चैंपियन, पांच बार के विश्व रैपिड चैंपियन और आठ बार के वर्ल्ड ब्लिट्ज चैंपियन हैं। 2011 से वे FIDE वर्ल्ड रैंकिंग में नंबर एक पर काबिज हैं और उनका उच्चतम रेटिंग स्कोर 2882 है, जो इतिहास में सबसे ज्यादा है। हाल ही में, उन्होंने फ्रीस्टाइल चेस ग्रैंड स्लैम टूर 2025 के फाइनल में भारत के मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन डी गुकेश को हराया।
मैग्नस की जीवनी और प्रेरणा
स्वेन मैग्नस ओएन कार्लसन का जन्म 30 नवंबर 1990 को नॉर्वे के टॉन्सबर्ग में हुआ था। उनके पिता हेनरिक अल्बर्ट कार्लसन एक आईटी सलाहकार हैं, जबकि उनकी मां सिग्नुन ओएन एक केमिकल इंजीनियर थीं। उनके परिवार ने कुछ समय फिनलैंड और बेल्जियम में भी बिताया, फिर 1998 में वे नॉर्वे लौट आए।
विश्वनाथन आनंद को हराया
मैग्नस ने 2013 में भारत के महान शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद को हराकर विश्व शतरंज चैंपियन का खिताब जीता था, जिसे उन्होंने 2014, 2016, 2018 और 2021 में फिर से बरकरार रखा। 2014 में वह पहले खिलाड़ी बने जिन्होंने क्लासिकल, रैपिड और ब्लिट्ज तीनों विश्व खिताब एक साथ जीते। 2023 में उन्होंने FIDE विश्व कप जीता, जो उनके करियर की एक और बड़ी उपलब्धि रही।