मानसिक रूप से परेशान एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता जल्द संन्यास का एलान करेंगी
एक रिक्शाचालक की बेटी का एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतना किसी सपने से कम नहीं है। ऐसा करने वाली एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता भारतीय हेप्टाथलन खिलाड़ी स्वप्ना बर्मन संन्यास लेने की बात कह कर सबको चौंका दी है।
यह फैसला वारंगल में चल रही 60वीं राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक (ऊंची कूद में) जीतने के 24 घंटे के अंदर स्वप्ना ने ली है। गौरतलब है कि चैंपियनशिप में स्वप्ना उत्तर पूर्व फ्रंटियर रेलवे का प्रतिनिधित्व कर रही थीं।
सन्यास लेने की वजह?
बता दें कि स्वप्ना पीठ की चोट के कारण अवसाद से जूझ रही हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार स्वप्ना बताती है कि, 'लोग मेरी उपलब्धियों से ईर्ष्या करते हैं और मेरी मां को बहुत उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। मैं इसे और नहीं सह सकती। मुझे अपने परिवार के साथ रहना होगा और इससे निपटना होगा। मैं थोड़ी भ्रमित हूं, लेकिन मैंने मानसिक रूप से 80-90 प्रतिशत इसे छोड़ने का मन बना लिया है।'
स्वप्ना ने जकार्ता 2018 में एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक जीता था। वह यह रिकॉर्ड बनाने वाली पहली भारतीय हेप्टाथलीट बनी थीं। इसके बाद, स्वप्ना चोटों से जूझती रहीं। वहीं, 2019 में दोहा में एशियाई चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था।