मेजर ध्यानचंद खेल पुरुस्कार पाने वाले पहले बिहारी बने प्रमोद भगत
वैशाली जिले के हाजीपुर सदर प्रखंड अंतर्गत विशुनपुर वसंत पंचायत निवासी रामा पासवान के बेटे और टोकियो पैरालम्पिक के बैडमिंटन प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक विजेता प्रमोद भगत को भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से नवाजा जाएगा ।
हिंदुस्तान के पत्रकार अविनाश मिश्रा लिखते हैं कि पैरालंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीत कर इतिहास रचने वाले प्रमोद भगत बैडमिंटन प्रतिस्पर्धा में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं। वर्तमान समय में अपने वर्ग में पैरालंपिक बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत दुनिया में तीसरे नम्बर पर हैं।मालूम हो कि प्रमोद भगत SL-03 वर्ग के एक बेहतरीन खिलाड़ी होने के साथ मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार प्राप्त करने वाले बिहार के पहले खिलाड़ी बन गए हैं।
बता दें कि चार साल की उम्र में वह पोलियो से ग्रसित हो गए थे। बेहतर इलाज कराने के लिए प्रमोद की बुआ कुसुम देवी अपने साथ उन्हें भुवनेश्वर ले गई थी। वहीं पर उनकी पढ़ाई हुई। स्कूल स्तर से उन्होंने बैडमिंटन को अपना कॅरियर बनाया और उन्होंने नेशनल में ओड़िशा बैडमिंटन टीम का प्रतिनिधत्व किया।
वहीं, उन्हें मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार मिलने से जिले के खेलप्रेमियों में खुशी का माहौल है। उनके पैतृक गाँव में भी लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि खेल की दुनिया में देश का नाम रौशन करने वाले इस खिलाड़ी के गाँव अभी तक उनके सम्मान में एक अदद खेल मैदान तक विकसित नहीं किया गया है।
सरकारी उपेक्षा से लोगों में जिला प्रशासन के प्रति नाराजगी है।गौरतलब है कि टोकियो ओलंपिक में बेहतरीन खेल का प्रदर्शन करते हुए भारतीय खिलाड़ियों ने पैरालंपिक में पाँच गोल्ड मेडल, आठ सिल्वर और छह ब्रॉन्ज़ मेडल समेत कुल 19 मेडल अपने नाम किए ।