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'2017 में डेढ़ साल तक टीम से बाहर होने के बाद रातों को सो नहीं पाता था': रविंद्र जडेजा

 

टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा ने वो समय याद किया जब राष्‍ट्रीय टीम से बाहर हुए थे और उन्‍हें बिलकुल भी अंदाजा नहीं था कि वापसी कैसे करना है. जडेजा ने टेस्‍ट के साथ-साथ वनडे टीम से भी अपनी जगह गंवा दी थी. करीब डेढ़ साल तक वह भारतीय टीम के अंदर-बाहर होते रहे, लेकिन प्‍लेइंग XI में जगह नहीं मिली.

डेढ़ साल तक ठीक से नहीं सोया

जडेजा ने अपने करियर से जुड़े पहलुओं पर अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत की है. जडेजा से जब पूछा गया, 18 महीने तक आप वनडे और टेस्ट टीम से बाहर रहे. आपने इतनी जोरदार वापसी कैसे की?

इस सवाल के जवाब में जडेजा ने कहा, 'सच कहूं तो वो डेढ़ साल रातों की नींद हराम कर गए. उस दौर में मुझे याद है कि मैं सुबह 4-5 बजे तक उठ जाता था. मैं सोच रहा था कि क्या करूं, मैं वापसी कैसे करूं? मैं सो नहीं सका. मैं लेटा रहता था, लेकिन जगा ही रहता. मैं टेस्ट टीम में था, लेकिन खेल नहीं रहा था. मैं वनडे नहीं खेल रहा था. मैं घरेलू क्रिकेट भी नहीं खेल रहा था, क्योंकि मैं भारतीय टीम के साथ यात्रा कर रहा था. मुझे खुद को साबित करने का कोई मौका नहीं मिल रहा था. मैं सोचता रहता कि मैं वापस कैसे आऊंगा.'

इंग्लैंड दौरे पर ओवल टेस्ट से की वापसी

बतादे रवींद्र जडेजा ने साल 2018 में दी ओवल टेस्ट से फिर टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन में जगह बनाई थी. तब उन्होंने 86 रन की पारी खेलकर टीम इंडिया को मुश्किल से निकाला था. भारत का स्कोर एक समय छह विकेट पर 160 रन था जो जडेजा की पारी से 332 रन तक पहुंचा था. बाद में रवि शास्त्री ने कहा था कि जो खेल जडेजा ने दिखाया है उससे पता चलता है कि वह दुनिया में कहीं भी खेल सकता है.

इस बारे में जडेजा ने कहा, ‘उस टेस्ट ने मेरे लिए सब कुछ बदल दिया. मेरा प्रदर्शन, मेरा कॉन्फिडेंस, सब कुछ. जब आप बेहतरीन गेंदबाजों के सामने इंग्लिश कंडीशन में रन बनाते हैं तो इससे आपके आत्मविश्वास पर बड़ा असर पड़ता है. इससे महसूस होता है कि आपकी तकनीक इतनी सही है कि आप दुनिया में कहीं पर भी रन बना सकते हैं. हाद में हार्दिक पंड्या चोटिल हो गया और मेरी वनडे में भी वापसी हो गई. तब से मेरा खेल ऊपर की ओर ही गया है.’

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