अटूट हैं टेस्ट क्रिकेट के ये पांच रिकॉर्ड इसे तोड़ना शायद मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगा

 
अटूट हैं टेस्ट क्रिकेट के ये पांच रिकॉर्ड इसे तोड़ना शायद मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगा

वैसे तो मौजूदा समय में फैन्स टी-20 और 50 ओवर के फॉर्मेट को ज्यादा देखना पसंद करते हैं लेकिन जब भी असली क्रिकेट की बात होगी तो हमेशा खेल का सबसे लम्बा और कठिन फॉर्मेट यानी कि टेस्ट क्रिकेट का जिक्र किया जाएगा. टेस्ट का खेल सभी खिलाड़ियों के बस की बात नहीं है क्यूंकि इसमें 5 दिनों तक लगातार मैदान पर पसीना बहाना पड़ता है. यही वजह है कि टेस्ट में अपने प्रदर्शन का लोहा मनवाने वाले खिलाड़ियों का दर्जा विश्व क्रिकेट के दिग्गजों में भी गिना जाता है.

क्रिकेट खेल की शुरुआत ही टेस्ट क्रिकेट से हुई थी. पुराने ज़माने में 6 दिनों तक चलने वाले सबसे कठिन फॉर्मेट को 5 दिन का करके इसे बेहतर बनाने का कोशिश किया गया. ICC द्वारा टेस्ट चैंपियनशिप की शुरुआत करके इसमें नई प्रतिस्पर्धा लाकर नया रोमांच पैदा करने की पहल भी हुई है.

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टेस्ट क्रिकेट ने बहुत से लाजवाब बल्लेबाज गेंदबाज तथा कप्तान दिए हैं. खेल के सबसे लम्बे फॉर्मेट में कई रिकॉर्ड बनें जो बाद में टूट गए. कहा जाता है रिकार्ड्स बनते ही है टूटने के लिए, लेकिन कुछ ऐसे भी कारनामे दर्ज होते हैं जिनको तोड़ना असंभव सा कार्य हो जाता है. आइए जानते हैं टेस्ट क्रिकेट के ऐसे ही 5 अटूट रिकार्ड्स जिनका टूटना लगभग नामुमकिन है.

ब्रायन लारा - 400 नाबाद बनाम इंग्लैंड

अटूट हैं टेस्ट क्रिकेट के ये पांच रिकॉर्ड इसे तोड़ना शायद मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगा

वेस्टइंडीज के दिग्गज बल्लेबाज ब्रायन लारा के नाम आज भी टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में मैच की एक पारी में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड दर्ज है. बाए हाथ के बल्लेबाज लारा ने 12 अप्रैल 2004 को इंग्लैंड के खिलाफ एंटीगा के मैदान पर 400 रनों का व्यक्तिगत सर्वाधिक स्कोर बनाकर इतिहास रच दिया जो आज भी अटूट है.

लारा से पहले यह रिकॉर्ड ऑस्ट्रलियाई बल्लेबाज मैथ्यू हेडन के नाम था. उन्होंने 380 रन बनाए थें. अपनी ऐतिहासिक पारी में तब वेस्टइंडीज के कप्तान ने 582 गेंदों का सामना करते हुए 43 चौके और चार छक्के लगाए थे.

लेन हटन (इंग्लैंड) - सबसे ज्यादा गेंद (847) खेलने का रिकॉर्ड

अटूट हैं टेस्ट क्रिकेट के ये पांच रिकॉर्ड इसे तोड़ना शायद मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगा

टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजों को 1-1 रन बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है, लेकिन कुछ खिलाड़ी क्रीज पर अपना पैर अंगद के पैर की तरह जमा देते हैं जिसे कोई भी गेंदबाज आसानी से नहीं हिला पाता था. इंग्लैंड के लेन हटन भी ऐसे ही बल्लेबाज थें. वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक टेस्ट पारी में बतौर बल्लेबाज सर्वाधिक गेंद खेलकर अनोखा रिकॉर्ड बना गए.

20 अगस्त, 1938 में ओवल के मैदान पर खेले गए उस ऐतिहासिक मैच में हटन ने 364 रन बनाने के लिए 847 गेंदें खेलीं. इंग्लैंड के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज लेन हटन ने इस मैच में 847 गेंदों तक जमे रहकर यह रिकॉर्ड कायम किया था. इससे पहले यह अनोखा रिकॉर्ड इंग्लैंड के ही दिग्गज बल्लेबाज एंडी संधाम के नाम दर्ज था. 1930 के किंग्स्टन टेस्ट में वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्होंने 640 गेंदें खेलकर 325 रन बनाए थे. लेन हेटन ने करीब 8 साल बाद संधाम का यह रिकॉर्ड तोड़ा था.

ऐसे अधिकांश स्लो वाले रिकार्ड्स पहले के ज़माने में ही बना करते थे.1999 में, दक्षिण अफ्रीका के गैरी कर्स्टन ने भी 642 गेंदों का सामना करते हुए 275 रनों की पारी खेली थी. अब के दौर में ऐसे रिकॉर्ड का टूटना नामुमकिन ही होगा.

इरफ़ान पठान - पहले ओवर में हैट्रिक

अटूट हैं टेस्ट क्रिकेट के ये पांच रिकॉर्ड इसे तोड़ना शायद मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगा

इरफ़ान जब पहली बार भारतीय टीम में आए थें तो उनके पास स्विंग की लाजवाब कला मौजूद थीं. अपने कला का प्रदर्शन भी उन्होंने जल्द ही किया. 29 जनवरी 2006 का वो दिन और कराची टेस्ट मैच पठान के लिए ऐतिहासिक बन गया. पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने अपने पहले ओवर में ही हैट्रिक लेकर एक अविश्वसनीय कारनामा कर दिया.

भारत और पाकिस्तान के बीच सीरीज का तीसरा एवं निर्णायक टेस्ट मैच कराची में खेला गया. कप्तान सौरव गांगुली ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी और नई गेंद का भर युवा इरफान पठान के कन्धों पर था. पठान ने पहले ही ओवर में कमाल करके अपने कप्तान व फैंस का दिल जीत लिया.

पठान ने ओवर की चौथी गेंद पर सलमान बट को आउट स्विंग होती गेंद पर पहली स्लिप में मुस्तैद राहुल द्रविड़ के हाथों कैच कराया, पांचवीं पर युनुस के लिए इनस्विंग के जरिए गेंद पैड पर मारी और LBW आउट किया. जबकि आखिरी गेंद पर शानदार फॉर्म में चल रहे मोहम्मद युसूफ को भी 0 पर ही अन्दर आती गेंद पर डंडा उखाड़ते हुए चलता किया. इसके साथ ही पठान ने अपने पहले ही ओवर में विकेटो की ऐसी तिकड़ी पूरी कि जिसे किसी भी दूसरे गेंदबाज द्वारा दोहराना नामुमकिन है.

ब्रेंडन मैक्कुलम - सबसे तेज शतक (54 गेंद)

अटूट हैं टेस्ट क्रिकेट के ये पांच रिकॉर्ड इसे तोड़ना शायद मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगा

जब भी न्यूजीलैंड के क्रिकेट इतिहास में सबसे आक्रामक बल्लेबाजों का नाम लिया जायेगा तो उसमें पूर्व कप्तान ब्रैंडन मैकुलम का नाम शीर्ष पर होगा. टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में मैकुलम के सबसे ज्यादा 107 छक्के इस बात का उदाहरण है. इसके साथ ही टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड भी उनके नाम दर्ज हैं.

साल था 2016 और क्राइस्टचर्च का मैदान जब मैकुलम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी आखिरी पारी में सिर्फ 54 गेंदों में सैकड़ा जड़कर टेस्ट करियर का अंत शानदार तरीके से किया. अपनी इस पारी में 79 गेंदों में 145 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली जिसमें 21 चौके और 6 छक्के शामिल थें.

ब्रेंडन मैकुलम ने अपने टेस्ट करियर में गिने-चुने ही रिकॉर्ड बनाए लेकिन करियर का अंत एक ऐसे रिकॉर्ड के साथ कर दिया जिसे तोड़ना किसी दूसरे बल्लेबाज के लिए कतई आसान नहीं होगा.

अनिल कुंबले - एक पारी में 10 विकेट

अटूट हैं टेस्ट क्रिकेट के ये पांच रिकॉर्ड इसे तोड़ना शायद मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगा

भारत के पुर्व दिग्गज लेग स्पिनर अनिल कुंबले के फैन्स तथा भारतीय क्रिकेट के लिए कोटला टेस्ट मैच कभी न भूलने वाला पल बना जब भारत ने इकलौते कुंबले की बदौलत पकिस्तान को दूसरा टेस्ट मैच हराया था. साल था 1999 और दिल्ली का फिरोजशाह कोटला स्टेडियम जहाँ दूसरे टेस्ट मैच में अनिल कुंबले ने वो कर दिया जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया. उनका यह ऐसा खास रिकॉर्ड है कि चाहकर भी कोई तोड़ नहीं पाएगा.

इस दिन ऐसा वाकया हुआ था जो क्रिकेट में उसके बाद कभी देखने को नहीं मिला. कुंबले ने इस टेस्ट में अपने चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के खिलाफ दूसरी पारी में सभी 10 विकेट हासिल कर कीर्तिमान रचा था. वे एक टेस्ट पारी में सभी 10 विकेट लेने वाले इंग्लैंड के जिम लेकर के बाद दुनिया के दूसरे गेंदबाज बने थे. यह रिकॉर्ड खास इसलिए है क्योंकि लेकर और कुंबले के नाम दर्ज इस रिकॉर्ड की सिर्फ बराबरी हो सकती है. इसे कभी तोड़ा ही नहीं जा सकता है.

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