भारतीय टीम के इस पूर्व खिलाड़ी को आज भी “धोनी” से हैं जवाब का इंतज़ार, जानिए क्या था सवाल

एमएस धोनी क्रिकेट के इतिहास में सबसे सफल कप्तान के तौर पर देखे जाते हैं। क्रिकेट की दुनिया में शायद ही कोई होगा जो पूर्व भारतीय कप्तान का मुरीद ना रहा हो। लेकिन धोनी से कई भारतीय खिलाड़ियों का विवाद रहा हैं। अब इसी को लेकर पूर्व भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह ने महेंद्र सिंह धोनी पर टिप्पणी की हैं। हरभजन सिंह ने 24 दिसंबर 2021 को अपने 23 साल के शानदार इंटरनेशल क्रिकेट करियर को अलविदा कह दिया था।
उसके बाद से लगातार कई अटकलें लगाई गयी की वो अब राजनीतिक पारी खेलेंगे लेकिन अभी तक वो राजनीति में नहीं आए हैं।वहीं इसी बीच हरभजन ने एक इंटरव्यू में पूर्व कप्तान एमएस धोनी को लेकर बड़े खुलासे किए हैं। एक मीडिया चैनल से बात करते हुए भज्जी ने एमएस धोनी से जुड़े एक किस्से पर बड़ा खुलासा किया है। दरअसल साल 2011 के वर्ल्ड कप में चैंपियन बनने के बाद हरभजन की जगह पर खतरा मंडराने लगा था।
उन्होंने इस वर्ल्ड कप के बाद सिर्फ 10 वनडे और 10 टेस्ट मैच खेले। उन्हें 2013 चैंपियंस ट्रॉफी और 2015 वर्ल्ड कप के लिए भी टीम में जगह नहीं मिली थी। पूर्व स्पिनर ने इंटरव्यू में कहा कि,’मैंने कई बार कैप्टन (एमएस धोनी) से पूछा कि क्यों मुझे बाहर रखा जा रहा हैं। मुझे कभी इस सवाल का जवाब धोनी से नहीं मिला। मुझे खुद नहीं पता मेरे साथ इस तरह का बर्ताव के पीछे क्या कारण था। मैं बार-बार पूछ रहा था और मुझे जवाब नहीं मिल रहा था। इसलिए फिर मैंने पूछना भी छोड़ दिया।

भज्जी ने कहा मुझे खुद नहीं समझ आ रहा था कि मेरे जैसे खिलाड़ी को आप टीम में लेते हो और पूरे टूर्नामेंट बेंच बर बैठा रखा। पूरे टी20 वर्ल्ड कप में मुझे बाहर रखा गया। अगर ऐसा करना था तो मुझे चुना नहीं जाना था। किसी युवा को मौका देते जो कुछ सीखता। सेलेक्टर्स द्वारा इज्जत नहीं दिए जाने के सवाल पर पूर्व भारतीय स्पिनर ने कहा कि, साल 2011 से लेकर साल 2020-21 तक बहुत कुछ हुआ।
400 विकेट लेने वाले क्रिकेटर के साथ ये हो सकता है तो किसी के साथ भी हो सकता हैं। मुझे नहीं पता मेरे टीम में रहने से किसे दिक्कत थी और किसे परेशानी थी ये आज भी एक बड़ा रहस्य हैं। हरभजन सिंह यही नहीं रुके उन्होंने कहा सिर्फ मेरे ही नहीं कई क्रिकेटर्स के साथ ऐसा हुआ था। उन्होंने आगे कहा कि, सिर्फ मेरे साथ ही नहीं वीवीएस लक्ष्मण, युवराज सिंह, वीरू(वीरेंद्र सहवाग), गौतम गंभीर सबके साथ ऐसा ही हुआ।
सिर्फ एक इंसान नहीं इसमें पूरा टीम मैनेजमेंट शामिल हैं। हमें ये भी नहीं पता कि ये हुआ क्यों। कैसे हुआ ये? ये आज भी रहस्य है। 2011 में विश्व विजेता बनाने वाले खिलाड़ियों को कभी फिर एकसाथ खेलने का मौका ही नहीं मिला।
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