अंतराष्ट्रीय करियर के सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं विराट कोहली, क्या तीसरे टेस्ट में होगी फॉर्म में वापसी?

 
अंतराष्ट्रीय करियर के सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं विराट कोहली, क्या तीसरे टेस्ट में होगी फॉर्म में वापसी?

इंग्लैंड दौरे पर गई टीम इंडिया ने अबतक टेस्ट सीरीज में कमाल किया है. लॉर्ड्स टेस्ट जीतकर भारत ने इंग्लैंड पर 1-0 की बढ़त बना ली है. विराट कोहली (Virat Kohli) की अगुआई में भारतीय टीम के पास 14 साल बाद अंग्रेजों की धरती पर टेस्ट सीरीज जितने का सुनहरा अवसर भी होगा. बेशक लॉर्ड्स में जीत कप्तान कोहली की जीत है, लेकिन बतौर बल्लेबाज विराट हर बाजी हार रहे हैं.

भारत के लिए अब भी कप्तान कोहली का खराब फॉर्म चिंता का विषय है. टेस्ट सीरीज शुरू होने से पहले सभी दर्शकों को भारतीय कप्तान से विराट पारी की उम्मीद थी. लेकिन, अबतक किंग कोहली करोड़ो भारतीय की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे हैं.

मौजूदा सीरीज में अबतक बल्ले से नाकाम

मौजूदा सीरीज में विराट का बल्ला खामोश ही रहा है. नॉटिंघम की पहली पारी की पहली गेंद पर एंडरसन ने उन्हें शून्य पर चलता किया. जबकि उसके बाद खेली गई दो पारियों में उनके बल्ले से एक अर्धशतक भी देखने को नहीं मिला है. जहाँ ट्रेंट ब्रिज में विराट का खाता नहीं खुला, वही लॉर्ड्स में वह सिर्फ 42 और 20 रन ही खाते में दर्ज कर सके.

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दो सालों से नहीं खेल पाए हैं एक भी शतकीय पारी

अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे तेज 70 शतक जड़ने वाले विराट के बल्ले से रन निकले जमाना हो गया है. भारतीय कप्तान ने अपना आखिरी शतक नवम्बर, 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ लगाया था. कोलकाता के ईडन गार्डन्स में हुए पहले पिंक बॉल टेस्ट में भारतीय कप्तान ने 136 रनों की शतकीय पारी खेलीं थी. तब से लेकर अबतक विराट रनों के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

दो सालों में सबसे खराब बल्लेबाजी औसत

अंतराष्ट्रीय करियर के सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं विराट कोहली, क्या तीसरे टेस्ट में होगी फॉर्म में वापसी?

विराट इन दो सालों में बतौर कप्तान तो हिट रहे हैं, लेकिन एक बल्लेबाज के रूप में वह फ्लॉप साबित हुए हैं. अपने 12 सालों टेस्ट करियर में विराट कोहली सबसे बूरे दौर से गुजर रहे हैं. बीते दो सालों में उनका बल्लेबाजी औसत 30 से भी कम का रहा है. साल 2020 में विराट के बल्ले से 19.33 की ख़राब औसत से मात्र 116 रन निकले. जबकि, मौजूदा साल में भी उन्होंने अबतक सिर्फ 28.62 की मामूली औसत से रन किए हैं. इस दौरान विराट ने घरेलु और विदेशी सीरीज को मिलाकर सिर्फ 290 रन बनाए हैं.

विदेशी जमीन पर बेहद खराब रिकॉर्ड

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वही विदेशी जमीन पर खेले गए टेस्ट मैचों में यह रिकॉर्ड तो और भी ख़राब हो जाता है. ऐतिहासिक ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर हुए डे-नाइट टेस्ट में 74 रनों की पारी को छोड़ दिया जाए तो कोहली ने 2020 की शुरुआत के बाद से ही विदेशी दौरों पर संघर्ष किया है. उन्होंने बीते दो सालों में खेली गई 10 पारियों में से 7 बार 20 से भी कम रनों के अन्दर आउट हुए हैं.

दरअसल, 2020 के बाद से ही भारतीय कप्तान का बल्लेबाजी औसत गिरता गया है. विदेशों में खेले गए टेस्ट मैचों में उन्होंने 19.33 की मामूली औसत से रन बनाए हैं, जो 250 गेंदों या उससे अधिक का सामना करने वाले 63 बल्लेबाजों में सबसे कम है. बेशक कोहली की अगुआई में टीम इंडिया शानदार प्रदर्शन कर रही है. विराट कप्तान के रूप में तो जीत रहे हैं, लेकिन व्यक्तिगत खिलाड़ी व बल्लेबाज के तौर पर उन्हें बेहतर करना होगा.

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