Womens Cricket: धोनी की इस कला को सीखना चाहती है मिताली राज, स्मृति मंधाना खुद को मान रही हैं भाग्यशाली
ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ खेले गए एकमात्र पिंक बॉल टेस्ट मैच में भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज टॉस हार गई थी, लेकिन भारतीय टीम ने विरोधी ख़ेमे पर दबाव बनाए रखा। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज भारत के पूर्व सफलतम कप्तान रहे “एमएस धोनी” से टॉस जीतने की कला सीखना चाहती हैं।
हम सभी जानते है की धोनी ज़्यादातर मैचो में टॉस जीतते थे। मिताली ने बताया की बार-बार टॉस हारने के कारण टीम की उनकी साथी खिलाड़ी उनका मजाक उड़ाती हैं। मिताली की मानें तो टॉस हारने की उनकी बदकिस्मती के कारण उनकी साथी अक्सर उनकी टांग खींचा करती हैं।
आपको बताते चले कि मिताली राज 8 अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच, 143 वनडे और 32 टी20 मुकाबलों में भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तानी कर चुकी हैं। इनमें से वह टेस्ट मैच में 4, वनडे इंटरनेशल में 65 और टी20 इंटरनेशल मुकाबलों में सिर्फ 15 बार ही टॉस जीत पाईं हैं।
रविवार को हुए मैच में भी मिताली टॉस हार गयी थी। भारत की स्टार ओपनर स्मृति मंधाना ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ शतक लगाया और वह ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ शतक लगाने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
मैच के बाद स्मृति मंधाना ने कहा कि भाग्य ने उन्हें इतिहास रचने में मदद की, क्योंकि वह गुलाबी गेंद के टेस्ट में शतक बनाने वाली पहली भारतीय महिला बनी। स्मृति मंधाना जब 80 रन पर थीं, तब उन्हें जीवनदान मिला था।
दरअसल, मंधाना ने एलिस पेरी की गेंद को पॉइंट की दिशा में खेला। वहां बेथ मूनी ने उन्हें लपक लिया, लेकिन वह नो-बॉल निकली। स्मृति मंधाना ने कहा, मैं भाग्यशाली हूं कि 80 रन पर वह नो बॉल मिली।
यह भी पढ़े: Womens Cricket- ताकतवर ऑस्ट्रेलिया के सामने भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने भरा दमखम, पिंक बॉल से पहला मैच ड्रॉ
यह भी देखें: