श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट टीम से ड्राप होने पर रिद्धिमान साहा का फूटा गुस्सा, BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली पर लगाए संगीन आरोप
भारतीय टेस्ट टीम से बाहर किए गए अनुभवी विकेटकीपर रिद्धिमान साहा ने शनिवार को खुलासा किया कि मुख्य कोच राहुल द्रविड़ के नेतृत्व वाले टीम प्रबंधन ने उन्हें "रिटायरमेंट" के बारे में सोचने के लिए कहा था क्योंकि अब उन्हें चयन के लिए नहीं माना जाएगा. 8 फरवरी को ही रिद्धिमान ने रणजी ट्रॉफी से नाम वापस ले लिया है क्योंकि उन्हें बताया गया था कि उन्हें भारतीय टीम में नहीं चुना जाएगा.
रिद्धिमान ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा, "टीम प्रबंधन ने मुझसे कहा था कि अब मुझ पर सिलेक्शन के लिए विचार नहीं किया जाएगा. मैं यह तब तक नहीं बता सकता था जब तक मैं भारतीय टीम का हिस्सा था. यहां तक कि कोच राहुल द्रविड़ ने भी सुझाव दिया कि मैं संन्यास लेने के बारे में सोच सकता हूं."
उन्होंने मुख्य कोच के साथ गोपनीय बातचीत के बारे में जानकारी दी. रिद्धिमान ने बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली पर भी निशाना साधा. उन्होंने दावा किया कि गांगुली ने उन्हें आश्वासन दिया था कि उन्हें टीम में अपनी जगह की चिंता नहीं करनी चाहिए.
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सहा ने खुलासा किया कि, "जब मैंने पिछले नवंबर में कानपुर में न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में दर्द निवारक दवा लेते हुए नाबाद 61 रन बनाए तो दादा (सौरव गांगुली) ने मुझे व्हाट्सएप पर बधाई दी. उन्होंने यहां तक कहा कि जब तक वह बीसीसीआई के शीर्ष पर हैं तब तक मुझे किसी भी चीज की चिंता नहीं करनी चाहिए. बोर्ड अध्यक्ष के इस तरह के संदेश ने वास्तव में मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया. लेकिन मैं यह समझने में असफल रहा कि सब कुछ इतनी तेजी से क्यों बदल गया."
साहा पिछले काफी समय से फॉर्म और चोट के बीच जूझ रहे थे और ऋषभ पंत और संजू सैमसन जैसी युवा विकेटकपर बल्लेबाज़ों के आने से उनकी जगह पक्की नहीं मानी जा रही थी. ऊपर से उनकी बढ़ती उम्र ने भी उनके टीम से बाहर होने में बड़ी भूमिका अदा की. वहीं साहा के आरोपों पर अभी तक BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.