ओला-उबर को टक्कर देने सरकार की नई टैक्सी योजना, किराया होगा कम

नई दिल्ली। सहकारिता मॉडल पर आधारित एक नई टैक्सी सेवा योजना पर केंद्र सरकार ने तेजी से काम शुरू कर दिया है। इस योजना के तहत टैक्सी चालक अब किसी निजी कंपनी के अधीन नहीं बल्कि सहकारी समिति के सदस्य बनकर खुद की ऐप आधारित टैक्सी सेवा चला सकेंगे। इस सेवा की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ओला-उबर जैसे एग्रीगेटर को मोटा कमीशन देने की बजाय सभी लाभ सीधे ड्राइवर को मिलेगा और यात्रियों को भी कम किराया देना होगा।
किन शहरों में होगी शुरुआत?
गृह मंत्री अमित शाह की पहल पर मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव एक्ट के तहत इस टैक्सी प्रोजेक्ट का पंजीकरण हो चुका है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और पुणे में साल के अंत तक लॉन्च किया जाएगा। अगले चरण में सभी राज्यों की राजधानियों और प्रमुख शहरों तक इसका विस्तार होगा।
कैसा होगा मॉडल?
हर शहर में टैक्सी चालकों की स्थानीय सहकारी समिति बनेगी। पहले चरण में प्रत्येक शहर से करीब 500 टैक्सी चालक जोड़े जाएंगे। ड्राइवर एक साझा मोबाइल ऐप के जरिए टैक्सी सेवा संचालित करेंगे, जिसका मालिकाना हक भी ड्राइवरों के पास ही रहेगा। किराया तय करने, फीचर्स जोड़ने, और शिकायत निवारण की पूरी जिम्मेदारी भी समिति के पास होगी।
यात्रियों और ड्राइवरों दोनों को फायदा
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यात्रियों को मिलेगा कम और पारदर्शी किराया, सरकारी मानकों के अनुसार
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UPI, डेबिट कार्ड, कैश – सभी माध्यम से भुगतान संभव
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टैक्सी में महिला सुरक्षा फीचर्स भी शामिल होंगे
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ड्राइवरों को मिलेगा बीमा, पेंशन, सामाजिक सुरक्षा
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केवल 3-4% संचालन शुल्क, वह भी समिति के खाते में जाएगा
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शिकायतों का समाधान स्थानीय स्तर पर तुरंत
ऐप कौन बनाएगा?
नेफेड, नाबार्ड, इफको, एनसीडीसी जैसी प्रमुख संस्थाओं को इस योजना में शामिल किया गया है। Startup India और कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) इस टैक्सी ऐप का तकनीकी विकास करेंगे। राज्य सरकारों के सहकारिता विभाग समितियों के गठन और निगरानी की जिम्मेदारी संभालेंगे।