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Monday, March 27, 2023
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HomeटेकHome LED Bulb: ट्यूबलाइट और एलईडी बल्ब में क्या है बेस्ट? जानें कैसे बचा सकते हैं बिजली बिल

Home LED Bulb: ट्यूबलाइट और एलईडी बल्ब में क्या है बेस्ट? जानें कैसे बचा सकते हैं बिजली बिल

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Home LED Bulb: घरों में आमतौर पर पहले ट्यूबलाइट का इस्तेमाल किया जाता था लेकिन अब इनकी जगह एलईडी बल्ब आ गए हैं. ट्यूबलाइट में भी तमाम वैराइटी आती हैं जो घरों की शोभा बढ़ाती है.

ट्यूबलाइट का इस्तेमाल CFL की तरह अब कम हो गया है. ट्यूबलाइट 40 वॉट लेती है तो वहीं एलईडी बल्ब 22 वॉट में तेज रोशनी देने के लिए सक्षम होता है. बाजार में आपको 18 से 40 वॉट तक की ट्यूबलाइट मिल जाएगी.

Home LED Bulb और ट्यूब लाइट में क्या है अंतर

अगर आप कमरे के लिए हाई क्वालिटी एलईडी ट्यूब लाइट लेना चाहते हैं तो इनमें आपको अलग-अलग कॉम्बो पैक के ऑफर दिए जा रहे हैं. जिसे आप बहुत ही कम प्राइस में ले सकते हैं. यह LED बल्ब ड्यूरेबल हैं. जो लंबे समय तक बेहतर रोशनी दे सकते हैं. यह हाई एनर्जी एफिसिएंट एलईडी ट्यूब लाइट है. इस ट्यूब लाइट को आप आसानी से लिविंग रूम या बेडरूम में लगा सकते हैं. यह ड्यूरेबल बॉडी से बना हुआ है.

यह सभी लाइट ब्रांडेड और 20W पावर के साथ आती हैं. इनमें कूल डे लाइट दी जा रही है. इन एलईडी ट्यूब लाइट को इंडोर के साथ ही आउटडोर के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है. फिलिप्स के ट्यूब लाइट में 1 साल तक की वारंटी भी दी जा रही है.

ट्यूब लाइट में क्यों लगाते हैं चोक

ट्यूबलाइट के जलने में चोक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. जब हम सप्लाई को ऑन करते हैं तो शुरुआती विद्युत धारा का मान बहुत ज्यादा होता है. यह विद्युत धारा ट्यूबलाइट को खराब कर सकती है इसलिए इस विद्युत धारा के मान को कम करने के लिए चोक का उपयोग किया जाता है.

tubelight
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ऑनलाइन वेबसाइट अमेजॉन पर 9 वॉट वाला यह Wipro LED Bulb सबसे ज्यादा बिकने वाले LED Bulb है. यह एक बार पूरी तरह से चार्ज होने के बाद 4 घंटे तक का बैटरी बैकअप देता है. इसमें 2200mAh की क्षमता वाला बैटरी दिया दी है और सबसे खास बात यह है कि इसकी कीमत बहुत ही किफायती है.

क्या LED बल्ब खुद से बना सकते हैं?

एलईडी बल्ब बनाने के लिए आपको सोल्डरिंग मशीन, स्टर, सीलिंग मशीन आदि बहुत सी चीजों को जरूरत पड़ सकती है. आपको बल्ब बनाने के लिए एक छोटे एरिया की भी जरूरत पड़ेगी. एक एलईडी बल्ब को बनाने में करीब 50 रुपये का खर्च आता है और आप इसे 100 रुपये में बेच सकते हैं.

एलईडी बल्ब के क्या हैं नुकसान

नीली रोशनी वाली एलईडी की वेब लेंथ सबसे कम होती है. इस वजह से फोटोन की एनर्जी ज्यादा निकलती है. यही हमारी आंखों की रेटिना में कोशिकाओं को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं. LED की रोशनी ‘फोटो-टॉक्सिक’ होता है जो आंखों की तीक्ष्णता को भी कम कर सकता है.

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Arpit Omer
Arpit Omerhttp://hindi.thevocalnews.com
अर्पित ओमर The Vocal News Hindi में बतौर Senior Sub-Editor कार्यरत हैं. उनकी रुचि बिज़नेस, टेक्नोलॉजी और पॉलिटिक्स में है. इन विषयों पर वह काफी समय से लिखते आ रहे हैं. उन्होंने अपनी (MJMC) जर्नलिज्म की पढ़ाई लखनऊ यूनिवर्सिटी से की है.
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