Ads से हमेशा के लिए छुटकारा कैसे पाएं? जानिए स्मार्टफोन और लैपटॉप में कौन-सी सेटिंग्स करनी होंगी Off

 
Ads से हमेशा के लिए छुटकारा कैसे पाएं? जानिए स्मार्टफोन और लैपटॉप में कौन-सी सेटिंग्स करनी होंगी Off

क्या आपने कभी महसूस किया है कि आप किसी चीज़ के बारे में बात करते हैं और थोड़ी ही देर में उसी से जुड़ा विज्ञापन आपके फ़ोन या सोशल मीडिया पर दिखने लगता है? ये सिर्फ संयोग नहीं है — आपके स्मार्टफोन की एक खास सेटिंग लगातार आपकी बातें सुन रही होती है और उन्हीं के आधार पर आपको टारगेटेड ऐड्स दिखाती है।

लेकिन अच्छी खबर ये है कि आप कुछ आसान स्टेप्स फॉलो करके इन विज्ञापनों से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे।

स्मार्टफोन में Ads बंद करने का तरीका (Android के लिए):

  1. अपने फोन की Settings में जाएं

  2. Security & Privacy सेक्शन पर टैप करें

  3. अब More Privacy Settings विकल्प चुनें

  4. यहां Ads का ऑप्शन दिखाई देगा, उस पर क्लिक करें

  5. Delete Advertising ID ऑप्शन पर टैप करें

  6. स्क्रीन पर आए नोटिफिकेशन को कन्फर्म करें और दोबारा Delete Advertising ID पर क्लिक करें

इन स्टेप्स के बाद आपका फोन अब आपकी एक्टिविटी या बातचीत के आधार पर ऐड्स दिखाना बंद कर देगा।

लैपटॉप या कंप्यूटर में Ads कैसे बंद करें (Google Chrome यूजर्स के लिए):

  1. Chrome ब्राउज़र खोलें और Settings में जाएं

  2. बाएं तरफ दिए गए Privacy and Security सेक्शन पर क्लिक करें

  3. अब Ad Privacy पर टैप करें

  4. Site-Suggested Ads का ऑप्शन मिलेगा — इसे टॉगल करके Off कर दें

  5. किसी खास वेबसाइट को Ads से ब्लॉक करना चाहते हैं? उसके लिए भी यहां विकल्प मौजूद है

  6. आप खास Keywords या Categories को भी ब्लॉक कर सकते हैं, ताकि उन टॉपिक्स के Ads न दिखें

ये Ads कैसे काम करते हैं?

जब आप किसी प्रोडक्ट के बारे में बात करते हैं या उसे सर्च करते हैं — जैसे मोबाइल, फ्रिज या लैपटॉप — तो फोन का सिस्टम उस जानकारी को ट्रैक करता है। इसके बाद AI एल्गोरिद्म के जरिए आपको उससे जुड़े Ads दिखाए जाते हैं, चाहे आप Facebook चला रहे हों, Instagram या कोई न्यूज साइट।

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नतीजा: आपकी प्राइवेसी अब आपके कंट्रोल में

अगर आप इन आसान सेटिंग्स को ऑफ कर देते हैं, तो आपकी बातचीत, सर्च हिस्ट्री या व्यवहार के आधार पर विज्ञापन दिखना बंद हो जाएगा। इससे न सिर्फ आपका डेटा सुरक्षित रहेगा, बल्कि ऑनलाइन अनुभव भी ज्यादा प्राइवेसी-फ्रेंडली बन जाएगा।

नोट:

यह तरीका आपके डेटा की सुरक्षा बढ़ाने के साथ-साथ उन परेशान करने वाले Ads से भी राहत दिलाता है जो आपके हर मूवमेंट को ट्रैक करते हैं।

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