1 अगस्त से UPI में आएंगे बड़े बदलाव, जानिए क्या बदलाव होंगे

नई दिल्ली: यूपीआई (Unified Payments Interface) को लेकर एक अहम अपडेट सामने आया है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) 1 अगस्त 2025 से यूपीआई सिस्टम में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव लागू करने जा रहा है, जिससे करोड़ों यूजर्स का अनुभव प्रभावित हो सकता है। यह बदलाव सिस्टम पर बढ़ते लोड और ट्रांजैक्शन की बढ़ती संख्या को देखते हुए किया जा रहा है।
UPI सिस्टम पर बढ़ रहा लोड
हर महीने करीब 16 अरब ट्रांजैक्शन यूपीआई के जरिए हो रहे हैं, जिससे सिस्टम पर लोड बढ़ गया है। हाल के महीनों में यूपीआई सिस्टम के डाउन होने के कई मामले सामने आए हैं। 12 अप्रैल को 5 घंटे तक यूपीआई सर्विस डाउन रही थी, जिसके कारण लाखों लोग प्रभावित हुए थे। इस बढ़ते लोड को कम करने और सिस्टम को और स्थिर बनाने के लिए NPCI ने कुछ बदलावों का ऐलान किया है।
1 अगस्त से होंगे ये बदलाव
1 अगस्त से लागू होने वाले नए नियमों के तहत, यूजर्स को कुछ लिमिटेशन्स का सामना करना होगा:
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बैलेंस चेक की लिमिट: यूजर्स अब यूपीआई ऐप पर एक दिन में अधिकतम 50 बार बैलेंस चेक कर सकेंगे। पहले यह लिमिट ज्यादा थी।
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ऑटो पेमेंट का टाइम: जो लोग ऑटो पेमेंट (जैसे SIP या नेटफ्लिक्स की सदस्यता) करते हैं, उनके लिए पेमेंट नॉन पीक आवर्स (सुबह 10 बजे से पहले, दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक, और रात 9:30 बजे के बाद) के दौरान ही किए जा सकेंगे।
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एपीआई रिक्वेस्ट पर कंट्रोल: एपीआई रिक्वेस्ट के ज्यादा इस्तेमाल को रोकने के लिए, NPCI ने सभी बैंकों और PSP (Paytm, Google Pay, PhonePe आदि) को आदेश दिया है कि वे इस पर कंट्रोल करें।
क्यों हो रहे हैं ये बदलाव?
UPI ट्रांजैक्शन का दायरा इतना बढ़ चुका है कि अगर किसी भी वक्त यूपीआई डाउन होता है, तो करोड़ों लोग प्रभावित होते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अगर एक मिनट के लिए यूपीआई डाउन हो जाता है तो 4 लाख लोग प्रभावित होते हैं, और 10 मिनट तक डाउन रहने पर 40 लाख लोग प्रभावित हो सकते हैं। यह न केवल एक बड़ी तकनीकी समस्या है, बल्कि यूजर्स की परेशानी का कारण भी बनता है।
उपयोगकर्ता की सुरक्षा और सुविधा के लिए ये बदलाव
NPCI द्वारा किए जा रहे ये बदलाव यूपीआई सिस्टम को स्थिर बनाए रखने के लिए हैं और यूजर्स के लिए एक सशक्त और सुरक्षित भुगतान अनुभव प्रदान करने की दिशा में एक कदम है।