Ramlala Pran Pratishtha: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट में लगी याचिका, जानें क्या लगाए आरोप

 
supreme court

Ram Mandir Opening: अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से जुड़ी बड़ी ख़बर आई है. हाईकोर्ट में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर रोक लगाए जाने की मांग को लेकर जनहित याचिका दाखिल की  गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों प्राण प्रतिष्ठा पर रोक की मांग की गई है। याचिका में शंकराचार्य की आपत्तियों का हवाला देते हुए इसे सनातन परंपरा के खिलाफ बताया गया है। आरोप है कि बीजेपी 2024 के लोक सभा के चुनाव का लाभ उठाने के लिए यह आयोजन कर रही है।


'प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर शंकराचार्य की आपत्ति'


गाजियाबाद के भोला दास की ओर से  याचिका दाखिल की गई है।जनहित याचिका में कहा गया है कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर शंकराचार्य की आपत्ति है। पौष महीने में कोई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाते हैं. इसके अलावा मंदिर अभी अपूर्ण है। अपूर्ण मंदिर में किसी भी देवी, देवता की प्राण-प्रतिष्ठा नहीं हो सकती है।इसके अलावा पीएम और सीएम योगी का इस प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होना संविधान के ख़िलाफ़ हैं। याचिका में कार्यक्रम को केवल चुनावी स्टंट कहा गया है।इस जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है।

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शंकराचार्य भी जता चुके नाराजगी

आपको बता दें कि पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने भी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर सवाल उठाए थे। चारों शंकराचार्यों ने कार्यक्रम में शामिल न होने का फैसला किया है। शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने कहा था कि रामलला शास्त्रीय विधि से प्रतिष्ठित नहीं हो रहे हैं उनका कहना था कि प्राण प्रतिष्ठा मुहूर्त के हिसाब से किया जाना चाहिए, भगवान की मूर्ती को कौन छुएगा कौन नहीं छुएगा, कौन प्रतिष्ठा करेगा कौन नहीं, इन बातों का ध्यान रखा जाना जरूरी है।इसके साथ ही शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी प्राण प्रतिष्ठा किए जाने पर सवाल उठाए थे।
 

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