MPPSC के चयनित अभ्यर्थियों से मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने किया संवाद, सुशासन के लिए दिए उपयोगी टिप्स
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज रवींद्र भवन, भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में मध्यप्रदेश सिविल सेवा परीक्षा के 2019 एवं 2020 के चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान कर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एमपीपीएससी के चयनित अभ्यर्थियों से संवाद किया एवं उन्हें कार्य व्यवहार के अनेक उपयोगी टिप्स भी दिए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दिए कार्य व्यवहार के उपयोगी टिप्स
डायरी मेंटेन कर प्रतिदिन के कार्यों की प्राथमिकता करें निर्धारित
मुख्यमंत्री डॉ. यादव से संवाद के क्रम में अभ्यर्थियों ने उनसे प्रश्न किए। श्री प्रकाश उपाध्याय द्वारा समय के प्रबंधन के संबंध में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में डॉ. यादव ने कहा कि वे सदैव डायरी मेंटेन कर प्रतिदिन के कार्यों की प्राथमिकताओं को निर्धारित करते हैं। इसके साथ ही वरिष्ठजन व अनुभवी लोगों से प्राप्त उपयोगी बिन्दुओं को भी वे नोट करते हैं, और यह नोटिंग उनसे पुन: भेंट करने तथा अन्य संदर्भ के रूप में बहुत उपयोगीसिद्ध होती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि युवाओं के लिए निरंतर नवाचार करते रहने की प्रवृत्ति रखना, आगे बढ़ने की ललक बनाए रखना तथा उसे पूरा करने के लिए आवश्यक योजना बनाकर उसे क्रियान्वित करने के प्रति प्रतिबद्ध रहना बहुत जरूरी है।
मित्र बनाने और मित्रता निभाने में ईमानदारी व शुचिता का ध्यान रखना आवश्यक
मुख्यमंत्री डॉ. यादव से श्री अंकित चौबे ने उनके जीवन यात्रा में मित्रों के महत्व व सहयोग के संबंध में प्रश्न किया। जिसके उत्तर में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपने आरंभिक जीवन के संघर्ष का उल्लेख करते हुए कहा कि जीवन के आरंभ और युवावस्था में जो मित्र रहे, वे आज भी मित्रवत हैं और हरसंभव सहयोग के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। मित्र बनाने और मित्रता निभाने में ईमानदारी व शुचिता का ध्यान रखना तथा लंबे समय तक संबंधों को बनाए रखने के लिए प्रयास करना आवश्यक है।
हर पल विचारवान बने रहना आवश्यक
मुख्यमंत्री डॉ. यादव से सुश्री आयुषी साहू ने जनसमस्याओं के निराकरण में उपयोगी और सहायक बिन्दुओं पर प्रकाश डालने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम हमेशा इस प्रकार कार्य करें जो हमारे व्यक्तित्व और पद की गरिमा बढ़ाए। यह आवश्यक है कि दायित्व निर्वहन में हमारी नीयत सही हो, हम अहंकार न रखें तथा किसी भी परिस्थिति में समस्या को मात्र विभाग की दृष्टि से देखने के अलावा उसे समग्रता में भी देखें और तालमेल बैठाते हुए दायित्वों का निर्वहन करें। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एक डिप्टी कलेक्टर द्वारा महिलाकर्मी से उनके जूते के फीते बंधवाने का निंदनीय मामला सामने आने और उस पर की गई त्वरित कार्यवाही का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारी संस्कृति में नारी सम्मान सर्वोपरि है। अत: परिवेश के अनुसार हमारे लिए हर पल विचारवान बने रहना आवश्यक है।
अपनी क्षमताओं और व्यक्तित्व का आंकलन कर लक्ष्य निर्धारित करें
मुख्यमंत्री डॉ. यादव से प्रदेश के विकास को लेकर उनकी प्राथमिकताओं के संबंध में भी प्रश्न किया गया। इसके साथ ही सुश्री अंशिका ठाकुर ने तनाव प्रबंधन के संबंध में टिप्स देने का अनुरोध किया। डॉ. यादव ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए निष्पक्ष भाव से अपनी क्षमताओं और व्यक्तित्व का आंकलन कर अपने लक्ष्य निर्धारित करना आवश्यक है। हमारी जो रूचि हो और जिन कार्यों में हमारा मन लगे, हमें उसी दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। इस संदर्भ में डॉ. यादव ने स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाषचंद्र बोस, विदेश मंत्री श्री जयशंकर के उदाहरण देते हुए कहा कि हम जो कार्य या चुनौती लें, उसे अपना शत-प्रतिशत दें और अपने प्रयासों से पूर्ण न्याय करें।