देश में फिर कोरोना की दस्तक! नए वैरिएंट JN.1 के नियंत्रण और प्रबंधन के लिए जारी की गाइडलाइन

 
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Covid: इस समय कोरोना की दस्तक फिर आ गई है। कोविड का जो बदला हुआ स्वरूप मिला है वह ओमिक्रॉन की फैमिली का पाया गया है। फिलहाल शुरुआती दौर में वायरस की सीक्वेंसिंग के बाद इस बात की पुष्टि हुई है। उसके बाद केरल से लेकर आसपास के राज्यों समेत पूरे देश में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अलर्ट मोड पर आ गया है। वायरस के बदले हुए स्वरूप की गंभीरता को जांचने के लिए रोजाना की सर्विलांस को और ज्यादा बढ़ा दिया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि एनजे.1. नाम के इस बदले स्वरूप की गंभीरता का आकलन किया जा रहा है। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने केरल में मिले इस नए बदले हुए स्वरूप वाले वायरस को लेकर रविवार को एक बैठक की।


एनजे.1. वैरिएंट ओमिक्रॉन फैमिली का है

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के कोविड मामलों की मॉनिटरिंग के लिए पहले गठित की गई कमेटी के सदस्य डॉक्टर एनके अरोड़ा कहते हैं कि जो एनजे.1. वैरिएंट मिला है वह ओमिक्रॉन फैमिली का है। उनका कहना है कि जिनोम सीक्वेंसिंग के साथ इस बात की पुष्टि हो गई है कि यह ओमिक्रॉन के बदले स्वरूप से ही आगे बढ़ा है। डॉक्टर अरोड़ा कहते हैं फिलहाल केरल में मिले पहले मामले के बाद अब रोज होने वाली सर्विलांस को बढ़ा दिया गया है। उनका कहना है कि अगर कोई ऐसा वायरस खतरनाक स्थिति में पहुंचता है तो सर्विलांस के माध्यम से ही उसकी गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। डॉक्टर अरोड़ा के मुताबिक फिलहाल ओमिक्रॉन के बदले हुए स्वरूप की कोई गंभीरता नजर नहीं आ रही है। बावजूद इसके सजगता बेहद जरूरी है।

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देश में फिर कोरोना की दस्तक! 


 नए वैरिएंट JN.1 के नियंत्रण और प्रबंधन के लिए जारी की गाइडलाइन

1.आने वाले त्योहारों  को देखते हुए राज्यों में अपेक्षित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय और अन्य व्यवस्थाएं की जाएं ताकि  बीमारी बढ़ने के जोखिम को कम किया जा सके.

2. नियमित आधार पर एकीकृत स्वास्थ्य सूचना मंच (IHIP) पोर्टल सहित सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण मामलों की जिलेवार निगरानी की जाए 

3. कोविड-19 पर नियंत्रण के लिए आरटी-पीसीआर और एंटीजन परीक्षणों की संख्या बढ़ाई जाए

4. पॉजिटिव नमूने जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भारतीय एसएआरएस सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) प्रयोगशालाओं में भेजने के लिए प्रोत्साहित किया गया ताकि नए वेरिएंट, यदि कोई हो, तो उनका समय पर पता लगाया जा सके.

5. राज्यों को अपनी तैयारियों और प्रतिक्रिया क्षमताओं का जायजा लेने के लिए  मॉक ड्रिल में सभी सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य सुविधाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए।

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