Dhanteras 2024: आज है धनतेरस, कब और कैसे करें पूजा, क्या है खरीदारी का शुभ मुहूर्त?

Dhanteras 2024: धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी, कुबेर देवता और भगवान धन्वंतरि की पूजा का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन आयुर्वेद के देव धन्वंतरि भगवान समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस दिन बर्तन खरीदने की विशेष परंपरा है। धनतेरस का पर्व आज, यानी 29 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। धनतेरस से जुड़े सभी सवालों के जवाब इस लेख में मिलेंगे।
धनतेरस का महत्व
धनतेरस का पर्व भारतीय संस्कृति में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है, जो दीपावली के 5 दिन के महोत्सव की शुरुआत करता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। लोग इस शुभ अवसर पर सोने, चांदी और नए बर्तनों की खरीदारी करते हैं, जो घर में धन और समृद्धि के आगमन का प्रतीक होता है।
धनतेरस पर पूजा विधि
स्नान करें: धनतेरस के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
रंगोली बनाएं: मेन गेट पर रंगोली बनाएं और घर में लक्ष्मी जी के पैरों के निशान बनाएं।
पूजा करें: मां लक्ष्मी, देवता कुबेर और भगवान धन्वंतरि की षोडोपचार विधि से पूजा करें।
अर्पित करें: देवी-देवता को कुमकुम लगाएं, माला पहनाएं और अक्षत चढ़ाएं।
भोग चढ़ाएं: भगवान धन्वंतरि को तुलसी, गाय का दूध और उससे बना मक्खन चढ़ाएं।
दीप जलाएं: दक्षिण दिशा में यम देवता के नाम का दीपक जलाएं।
धनतेरस पर क्या खरीदें?
शुभ खरीदारी: सोने, चांदी, बर्तन और आभूषण खरीदना विशेष रूप से शुभ माना गया है।
अन्य चीजें: झाड़ू, तांबे के बर्तन, धनिया और नमक खरीदना भी शुभ होता है।
धनतेरस पर क्या नहीं खरीदें?
निषिद्ध वस्तुएँ: कांच के बर्तन, प्लास्टिक की चीजें और एल्युमिनियम के बर्तन नहीं खरीदें।
दूरी रखें: नुकीली चीजें, काले रंग का सामान और टूटी हुई चीजें खरीदने से बचें।
शुभ मुहूर्त
खरीदारी का समय: 29 अक्टूबर की सुबह 6:31 बजे से शुरू होकर अगले दिन 30 अक्टूबर 10:31 बजे तक।
राहुकाल: 29 अक्टूबर को दोपहर 2:51 मिनट से लेकर 4:15 मिनट तक खरीदारी न करें।
धनतेरस पर दीपदान
धनतेरस की शाम यमराज को प्रसन्न करने के लिए दीपदान किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन दीपदान करने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।
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