New Zealand Protest: युवा सांसद हाना-राविती माईपी-क्लार्क ने किया हाका और संधि विधेयक की प्रतियां फाड़ी
New Zealand Protest: 14 नवंबर 2024 को न्यूजीलैंड की सबसे कम उम्र की सांसद हाना-राविती माईपी-क्लार्क ने संसद में एक जबरदस्त विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। उन्होंने पारंपरिक माओरी युद्ध नृत्य हाका का प्रदर्शन किया और विवादास्पद संधि सिद्धांत विधेयक की प्रतियां फाड़ी।
संधि सिद्धांत विधेयक के खिलाफ विरोध
हाना-राविती माईपी-क्लार्क, एक माओरी सांसद, ने ACT न्यूजीलैंड पार्टी द्वारा पेश किए गए संधि सिद्धांत विधेयक के खिलाफ अपने विरोध को व्यक्त किया। यह विधेयक वेटांगी की संधि के सिद्धांतों में बदलाव करने का प्रयास कर रहा है, जो पिछले 180 वर्षों से न्यूजीलैंड की शासन और नीति का आधार रहा है। यह विधेयक माओरी समुदाय के बीच तीव्र बहस और विरोध का कारण बन गया है, क्योंकि उन्हें लगता है कि इसके जरिए उनके अधिकारों को खतरा हो सकता है।
हाका: विरोध का प्रतीक
संधि सिद्धांत विधेयक की प्रतियां फाड़ने के बाद, हाना-राविती माईपी-क्लार्क ने हाका नृत्य किया, जो एक पारंपरिक माओरी नृत्य है। यह नृत्य अपनी तीव्र और चुनौतीपूर्ण मुद्राओं के लिए जाना जाता है। यह सांस्कृतिक प्रदर्शन उनके विरोध का एक शक्तिशाली रूप था, जो माओरी समुदाय की नाराजगी को दिखाता है, जो अपने अधिकारों के हनन के खिलाफ खड़ा है।
संसद पर प्रभाव
The New Zealand government is pulling back on protecting Māori rights, sparking protests from indigenous lawmakers who oppose the decision with their traditional “haka” chant.
— Shukri Hamk (@Yazidisto) November 15, 2024
This is powerful. pic.twitter.com/cRBleVKlOi
यह नाटकीय घटना वीडियो में कैद हो गई और तेजी से वायरल हो गई। इस पर प्रतिक्रिया करते हुए, संसद के अध्यक्ष गेरी ब्राउनली को सत्र को निलंबित करना पड़ा क्योंकि सार्वजनिक गैलरी ने भी विरोध में भाग लिया। यह विरोध न केवल प्रतीकात्मक था, बल्कि यह प्रस्तावित विधेयक के खिलाफ सीधा चुनौती भी था।
वेटांगी की संधि और इसका महत्व
वेटांगी की संधि, जो 1840 में हस्ताक्षरित हुई थी, न्यूजीलैंड का संस्थापक दस्तावेज है, जो क्राउन और माओरी जनजातियों के बीच संबंधों को निर्धारित करता है। यह सिद्धांतों का पालन कई दशकों से न्यूजीलैंड की नीतियों में किया गया है। माओरी समुदाय के कई लोग मानते हैं कि इस विधेयक से उनके अधिकारों और मान्यता को खतरा हो सकता है।
चल रही बहस
संधि सिद्धांत विधेयक के पेश होने के बाद न्यूजीलैंड भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए हैं। कई लोग इस विधेयक को वेटांगी की संधि के सिद्धांतों के खिलाफ मानते हैं और इसे माओरी अधिकारों को कमजोर करने वाला मानते हैं। संसद में यह विरोध एक बड़ी आंदोलन का हिस्सा है जो माओरी अधिकारों के संरक्षण और संधि के सिद्धांतों की रक्षा के लिए किया जा रहा है।
निष्कर्ष: न्यूजीलैंड संसद में ऐतिहासिक विरोध
हाना-राविती माईपी-क्लार्क की संसद में की गई साहसिक कार्रवाई ने संधि सिद्धांत विधेयक और माओरी अधिकारों पर चल रही बहस को और बढ़ा दिया है। जैसे-जैसे पूरे देश में विरोध बढ़ रहा है, वेटांगी की संधि का भविष्य न्यूजीलैंड की राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है।