IFS Officer Niharika Singh और उनके पति अजीत गुप्ता का करोड़ों का फ्रॉड, 8 महीने में 33 FIR, 40% रिटर्न का वादा

 
IFS Officer Niharika Singh और उनके पति अजीत गुप्ता का करोड़ों का फ्रॉड, 8 महीने में 33 FIR, 40% रिटर्न का वादा

IFS Officer Niharika Singh: भारत में एक बेहद चौंकाने वाला फ्रॉड सामने आया है, जिसमें भारतीय विदेश सेवा (IFS) की महिला अधिकारी निहारिका सिंह और उनके पति अजीत कुमार गुप्ता पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। महज 8 महीने में 33 एफआईआर दर्ज होने के बाद जांच एजेंसियों ने इस मामले की जांच शुरू की, और अब यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ है।

IFS अफसर और उनके पति पर धोखाधड़ी का आरोप

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में IFS अधिकारी निहारिका सिंह, उनके पति अजीत गुप्ता और उनकी कंपनियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। जांच में यह सामने आया है कि अजीत गुप्ता ने ठगी से प्राप्त पैसे को विभिन्न कंपनियों के माध्यम से जमा किया और अपनी पत्नी निहारिका सिंह के नाम पर कई संपत्तियां खरीदीं।

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33 FIR और 40% रिटर्न का झांसा

सभी शिकायतों और एफआईआर के अनुसार, अजीत गुप्ता ने निवेशकों को 40% सालाना रिटर्न का वादा करके उन्हें धोखाधड़ी वाली योजनाओं में निवेश करने के लिए ललचाया। इन योजनाओं में दैनिक जमा योजनाएं (daily deposit schemes), मासिक आवर्ती जमा (RD) और सावधि जमा (FD) जैसी योजनाएं शामिल थीं। इसके परिणामस्वरूप निवेशकों से लगभग 110 करोड़ रुपये की ठगी की गई।

धोखाधड़ी के पैसों का कहां हुआ इस्तेमाल?

जांच में यह खुलासा हुआ कि अजीत गुप्ता ने ठगी से प्राप्त धनराशि का उपयोग खुद के लिए और अपनी पत्नी के नाम पर अचल संपत्तियां खरीदने में किया। इन संपत्तियों में घर, खेती योग्य ज़मीन और अन्य संपत्तियां शामिल हैं। साथ ही, पैसे को एनी ग्रुप की कंपनियों में भी जमा किया गया।

ईडी की जांच और संपत्तियों की जब्ती

ईडी ने इस मामले में अब तक 9 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां जब्त की हैं। अधिकारियों का कहना है कि ठगी के पैसों का इस्तेमाल न केवल व्यक्तिगत संपत्तियों के लिए किया गया, बल्कि इस धनराशि का एक हिस्सा कंपनियों के नाम पर भी डाला गया।

मामले की शुरुआत और एफआईआर

जांच एजेंसी के अनुसार, 21 फरवरी 2020 से लेकर 26 अक्टूबर 2020 तक इस धोखाधड़ी की कई शिकायतें आई थीं। इन शिकायतों के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने 33 एफआईआर दर्ज की थीं, और इसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच शुरू हुई। अब तक पुलिस ने 12 मामलों में 25 चार्जशीट दायर की हैं।


 

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