घुसपैठ पर हाईटेक ताला: भारत ने जम्मू बॉर्डर पर लगाए AI ड्रोन और स्मार्ट सेंसर

भारतीय सेना ने जम्मू और कश्मीर के कुछ हिस्सों में बॉर्डर की सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए एक बड़ा और अहम कदम उठाया है। अब सेना वहां AI तकनीक से लैस ड्रोन, अंडरग्राउंड सेंसर और सैटेलाइट सिस्टम का इस्तेमाल कर रही है। ये फैसला उस समय आया जब पाकिस्तान से आने वाली कई आतंकी सुरंगें मिलीं, जिन्हें सीमा पार से आतंकियों के घुसपैठ और 2019 के पुलवामा हमले जैसे आतंकी हमलों में इस्तेमाल किया गया था।
AI ड्रोन और सैटेलाइट से बॉर्डर की सुरक्षा मजबूत
अब भारतीय सेना ने हाई-टेक सुरक्षा सिस्टम का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। इसमें AI-ड्रोन, स्मार्ट फेंसिंग, जमीन के नीचे कंपन पकड़ने वाले सेंसर और सैटेलाइट इमेजिंग सिस्टम शामिल हैं। इनकी मदद से LoC (लाइन ऑफ कंट्रोल) पर होने वाली किसी भी संदिग्ध हलचल को तुरंत पकड़ा जा सकता है, खासकर जम्मू के उन इलाकों में जहाँ मिट्टी नरम है और सुरंग बनाना आसान होता है।
एक अधिकारी ने बताया कि कुछ सुरंगें तो 30 मीटर से भी ज्यादा गहरी और 500 मीटर लंबी थीं। इनमें ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था भी मिली है, जिससे साफ होता है कि इनका निर्माण बहुत सोच-समझकर किया गया था।
आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में जम्मू में अब तक 21 से ज्यादा आतंकी सुरंगें पाई गई हैं। ये ज्यादातर पाकिस्तान से शुरू होकर भारत की सीमा में आती हैं। कश्मीर में ज़मीन पथरीली है, लेकिन जम्मू के समतल और नरम इलाकों में सुरंग बनाना आसान होता है।
2019 में हुआ पुलवामा हमला भी इन्हीं सुरंगों के जरिए घुसपैठ की वजह से संभव हुआ था। बाद में उस इलाके के पास एक सुरंग मिली थी, जिससे आतंकियों ने सीमा पार की थी।
अब AI तकनीक से चलने वाले ड्रोन लगाए गए हैं, जो ज़मीन के नीचे की हलचल को पकड़ने वाले रेडियोएक्टिव सेंसर से लैस हैं। ये ड्रोन सीमा के संवेदनशील इलाकों में उड़ते रहते हैं और किसी भी हलचल पर तुरंत अलर्ट भेजते हैं।
साथ ही, थर्मल और मोशन डिटेक्शन तकनीक वाले सैटेलाइट भी काम में लिए जा रहे हैं। ये सैटेलाइट ऊपर से ज़मीन में हो रही खुदाई या किसी गड़बड़ी को देखकर तुरंत चेतावनी दे सकते हैं।
घुसपैठ रोकने के लिए सिर्फ पकड़ नहीं, अब तबाही भी
जब कोई सुरंग मिलती है, तो उसे केवल बंद नहीं किया जाता, बल्कि पूरी तरह से नष्ट कर दिया जाता है। सेना, BSF और NIA मिलकर इन सुरंगों को ब्लास्ट करके खत्म करती हैं। इसके बाद इन इलाकों पर लगातार नजर रखी जाती है।
अब सिर्फ खतरे को पहचानना ही नहीं, बल्कि उसे पूरी तरह खत्म करना सरकार की प्राथमिकता है।
आतंकियों के घुसपैठ के तरीके अब और छिपे हुए होते जा रहे हैं, लेकिन भारत का AI ड्रोन, स्मार्ट सेंसर और सैटेलाइट तकनीक से बना सुरक्षा सिस्टम अब उन्हें हर हाल में पकड़ने को तैयार है।
यह साफ संदेश है कि अब सीमा के हर इंच पर निगरानी है — ऊपर से भी और ज़मीन के नीचे से भी।